Home Bihar आदित्य वर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया बिहार क्रिकेट को लेकर कई ख़ुलासा

आदित्य वर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया बिहार क्रिकेट को लेकर कई ख़ुलासा

by Khelbihar.com

पटना : क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ बिहार के पूर्व सचिव एवं याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया जिसमे उन्होंने बताया कि ” माननीय सर्वोच्च न्यायालय में सिविल रिट याचिका बीसीसीआई बनाम सीएबी 4235/2014 में वर्षो चली केस में लम्बी बहस के बाद बीसीसीआई ने एक नये संविधान का अनुपालन किया।

09.08.2018 में प्राप्त आदेश के तहत बिहार राज्य क्रिकेट संघ और अन्य गैर मान्यता प्राप्त राज्य संघों को खेलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आज उसी निबंधित बाइलाज (संविधान) का माखौल बिहार राज्य क्रिकेट संघ द्वारा लगातार उड़ाया जा रहा है। गैर संवैधानिक तरीके से निर्वाचित वर्तमान अध्यक्ष राकेश तिवारी और उनके सहयोगी राज्य क्रिकेट संघ को संचालित कर रहे हैं। बीसीसीआई के द्वारा 17 सितम्बर 2022 को भेजे गए पर्यवेक्षक श्री देवजीत सैकिया ने भी इसके संचालन में व्याप्त खामियों को उजागर किया है।

इस अलोकतांत्रिक व्यवस्था से निपटने हेतू माननीय सर्वोच्च न्यायालय को इसके चुनाव में हस्तक्षेप करना पड़ा और उनके आदेश के तहत परिणाम घोषित किया गया। उसके बाद अध्यक्ष महोदय ने निर्वाचित सचिव अमित कुमार के कार्यक्षेत्र में बाधा उत्पन्न किया और उन्हें कार्यभार नहीं सौंपा। यह कृत्य माननीय सर्वोच्च न्यायालय के उस आदेश का सरासर उल्लंघन है जिसके प्राप्त आदेश से निबंधित संविधान के तहत बिहार क्रिकेट संघ को मान्यता प्राप्त हुई थी।

उन्होंने कहा ” बीसीए खुद बिहार सरकार निबंधन विभाग से सोसायटी एक्ट में निबंधित संस्था है और इसके रजिस्टर्ड संविधान में निर्वाचित सचिव को इसका कस्टोडियन और संघ के प्रबन्ध समिती के द्वारा लिये गये हर प्रस्तावना की संपुष्टि का प्रभारी नियुक्त किया गया है। वर्तमान अध्यक्ष राकेश तिवारी अपनी पूर्वाग्रह से ग्रस्त मंशा और इरादतन संघ पर एकछत्र पकड़ बनाये रखने के लिए निर्वाचित सचिव को उसके अधिकार से तो वंचित रखा ही निबंधन विभाग को भी आज तक चुनाव की जानकारी नहीं दी।

जब माननीय विभागीय मंत्री बिहार सरकार को इस संदर्भ में खगड़िया जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष संजीव कुमार विधायक ने शिकायत की तो इस पर त्वरित संज्ञान लेते हुए पटना के जिलाधिकारी के निर्देश पर तीन सदस्यीय समिति बनाकर बीसीए के क्रियाकलापों और अनियमितताओं पर जांच शुरू करा दिया। इस विषय पर जांच की जानकारी समय – समय पर मेल के द्वारा निर्वाचित सचिव अमित कुमार के द्वारा

बीसीसीआई को दी गई लेकिन उसके बावजूद बीसीसीआई ने वर्तमान अध्यक्ष राकेश तिवारी के कुकृत्य पर पर्दा डाला और किसी प्रकार के हस्तक्षेप से अपने को दूर रखा।

इन सब बातों से निरंकुश होकर बिहार क्रिकेट संघ और उसके अध्यक्ष ने बीसीसीआई की स्वीकृत संविधान और उसके तर्ज पर बीसीए के सोसायटी एक्ट में निबंधित संविधान के अनुपालन को लगातार नजरंदाज किया। इन सब बातों को लेकर मैंने माननीय सर्वोच्च न्यायालय में अवमानना याचिका (Contempt petition No. 752/23) दाखिल की थी जिस पर माननीय बेंच ने सुनवाई के लिए 17 मार्च 2023 की तिथि निर्धारित की है। मैं अपने अधिवक्ता के माध्यम से विगत चार वर्षों में बीसीए अध्यक्ष और उनके सहयोगियों के कार्यकलाप और स्थानीय प्रतिभावान खिलाड़ियों की अनदेखी का मामला उठाऊंगा।

प्रेस विग्यप्ति के माध्यम से आदित्य वर्मा ने कहा ” जिस प्रकार प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के भविष्य से खिलवाड़ और उनका कैरियर नष्ट हुआ है यह राज्य के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है इन सब बातों से बीसीसीआईबीसीए को बार-बार अगाह करता रहा लेकिन कारवाई तो दूर सुधार भी एक रत्ती भर दिखाई नहीं पड़ी भारी व्यथित मन और मजबूर होकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय में बीसीसीआई के अध्यक्ष रोजर बिन्नी सचिव जय शाह बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी सचिव अमित कुमार के खिलाफ अवमानना याचिका (Contempt petition No. 752/23) दायर कर दिया जिसे माननीय सर्वोच्च न्यायालय में 17 मार्च 2023 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

मुझे माननीय सर्वोच्च न्यायालय पर आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि पहले जिस प्रकार सिविल अपील याचिका 4235 / 2014 में सुनवाई करते हुए क्रिकेट संघ में व्याप्त एकाधिकार को 09 अगस्त 2018 में समाप्त किया गया था उसी प्रकार का एक ओर ऐतिहासिक आदेश प्राप्त होगा।

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