Home क्रिकेट मेरी जान। जाने उस सीनियर क्रिकेटर के बारे में जो अपनी मंजिल को बच्चों में बाट-जोह रहे है।

जाने उस सीनियर क्रिकेटर के बारे में जो अपनी मंजिल को बच्चों में बाट-जोह रहे है।

by Khelbihar.com

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पटना।। पटना जिला अन्तर्गत धनरुआ प्रखंड मुख्यालय से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर इस्थित डुमरा गांव में जन्मा एक प्रतिभा शाली लेफ्ट आर्म स्पिनर क्रिकेट खिलाड़ी मनोज खाटेकर इन दिनों बिहार क्रिकेट की दिशा और दशा से सही दिशा की ओर बढ़ रहे हैं।अपनी बहुमुखी प्रतिभा को बच्चों के बीच बांट रहे मनोज खाटेकर इन दिनों काफी हताहत दिखाई दे रहे हैं,कारण है कि प्रशिक्षण हेतु उनके लिए सही मंच का नही मिलना।

मनोज ने पहली बार सर्वप्रथम 1995 में पटना जिले की टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए श्यामल सिन्हा अंडर-16 प्रतियोगिता (छपरा) से अपने क्रिकेट सफर का शुरुआत किया।फिर खाटेकर ने 1996 में भारत के महान लेफ्ट आर्म स्पिनर में शुमार बिशन सिंह बेदी,वेंकट राघवन,इराबल्ली प्रसन्ना द्वारा संचालित नेशनल क्रिकेट कोचिंग दिल्ली में उनकी देखरेख में लगभग 2 महीना तक प्रशिक्षण प्राप्त करने के तुरन्त बाद इसी वर्ष बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के लिए अंडर-14 में राज्य का प्रतिनिधित्व किया

।उसके बाद मनोज ने अपने प्रतिभा के दम पर पटना सीनियर डिवीज़न की सबसे मजबूत टीम में शुमार पेसू,बोर्ड,कमला नेहरू,हरक्यूलस जैसी मजबूत टीम में जगह बनाया और अपने प्रदर्शन से सभी को ध्यानाकर्षित करने को मजबूर कर दिया।उसके बाद मनोज खाटेकर के क्रिकेट जीवन मे एक से बढ़कर एक सफलता की नई कहानी बनती चली गई।1999 में सीके नायडू ट्रॉफी तथा सन 2000 में मगध विश्वविद्यालय का भी प्रतिनिधित्व किया।

अभी मनोज खाटेकर का क्रिकेट परवान ही चढ़ रहा था कि एक अचानक बिहार झारखंड की बंटवारे ने मनोज ही नही बिहार के वैसे तमाम प्रतिभावान खिलाड़ियों का भविष्य का दरवाजा बंद कर दिया और बिहार क्रिकेट 18 वर्षों के लिए वनवास पर चला गया।लेकिन फिर भी जहां चाह वहां राह को लालायित मनोज ने जहानाबाद क्रिकेट एसोसिएशन के लिए 2001 से 2005 तक खेलते हुए अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा।2007 में पिता जी को अचानक आये ब्रेन हेमरेज तथा लागातर माँ की बिगड़ती सेहत ने मनोज के क्रिकेट को काफी प्रभावित किया तथा पिता की मौत ने मनोज के क्रिकेट को हमेशा हमेशा के लिए मौन कर दिया।

आज मनोज खाटेकर जहानाबाद जिला क्रिकेट एसोसिएशन में सीनियर कोच के पद पर रहते हुए शानदार सफलता को अर्जित किया है।जहानाबाद की टीम इस वर्ष हेमन ट्रॉफी और अंडर-19 में अपने पूल में चैंपियन हुई औरपटना,वैशाली,मुंगेर जैसी टीमों को धूल चटाई।

और जहानाबाद के बहुत सारे खिलाड़ी ने अपने प्रतिभा से पूरे बिहार का ध्यान आकर्षित किया है।मनोज खाटेकर बहुत ही शांत और सरल स्वभाव के एवं हँसमुख व्यक्तित्व के धनी क्रिकेट कोच हैं और वे पूरे बिहार में किसी पहचान के मोहताज़ नही हैं।बस जरूरी है उन्हें एक अच्छे मंच की जहां वे अपनी प्रतिभा को लोगो मे बांट सके।

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