Home Bihar cricket association News, बीसीए अध्यक्ष चुनाव जीतने के बाद बीसीए को राजनैतिक अखाड़ा बना चुके है:-मनोज शुक्ला(अध्यक्ष वैशाली)

बीसीए अध्यक्ष चुनाव जीतने के बाद बीसीए को राजनैतिक अखाड़ा बना चुके है:-मनोज शुक्ला(अध्यक्ष वैशाली)

by Khelbihar.com

खेलबिहार न्यूज़

वैशाली 8 जून : वैशाली जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष मनोज शुक्ला ने बीसीए अध्यक्ष को निशाना बनाते हुए प्रेस विज्ञप्ति जारी कर खेलबिहार को बताया है कि बिहार क्रिकेट संघ भाजपा नेता राकेश तिवारी के अध्यक्ष बनने के बाद राजनैतिक अखाड़ा बन चुका है यहां खेल के अलावा बाकी सभी कार्य जो राजनैतिक पार्टियों में होते हैं निरंतर हो रहे हैं।

बिहार क्रिकेट संघ के इतिहास में अभी तक ऐसा नहीं हुआ था कि बिहार की सबसे बड़े सदन यूं कहें तो बिहार विधान सभा के 6 विधायकों ने बीसीए अध्यक्ष के खिलाफ पत्र लिखकर जांच करने की मांग की है इसके बाद भी अगर बीसीए अध्यक्ष इस्तीफा नहीं देते तो निश्चित ही उनकी मंशा साफ हो जाती है।

श्री शुक्ला का कहना है बिहार क्रिकेट में बीते जितने भी खेल के कार्यक्रम हुए हैं उसमे बीसीए अध्यक्ष का रत्ती भर भी योगदान नहीं है लेकिन अपने कुछ नजदीकी चमचों से लगातार खबर निकलवा रहे हैं कि बीसीए विकास कर रहा है और जमीन पर हकीकत कुछ और ही है।

आगे मनोज शुक्ला कहते हैं की बीसीए अध्यक्ष उस समय किस कोने में छिपे पड़े थे जब राज्यस्तरीय खेलों से पूर्व मोइनुलहक स्टेडियम में बारिश का पानी भर गया था और सचिव संजय कुमार मजदूरों कि तरह कड़ी धूप में खड़े होकर पानी निकलवा रहे थे आप विकास कि बात ना ही करें तो अच्छा है बीसीए को डुबाने की कोशिश में लगे हैं और बातें बड़ी – बड़ी।

बीसीए अध्यक्ष उस वक़्त मैदान में नजर नहीं आए कभी जब राज्यस्तरीय बड़े – बड़े मैचों के आयोजन हो रहे थे यहां तक कि व्यवस्था कैसा है क्या है इसकी भी जानकारी क्या रखते थे और आज अपने चमचों से कहलवाते हैं आठ महीने से विकास करा रहे हैं।

यहां तक कि बीसीसीआई द्वारा आयोजित अंतरास्ट्रीय महिला सीरीज के उद्घाटन मैच में कोरम पूरा कर पूरे मैच में कहीं दिखाई तक नहीं दिए फाइनल में भी दूर दूर तक आपका दीदार नहीं हुआ और आज सचिव के लिए परिश्रमों का श्रेय लेने चल दिए शर्म आनी चाहिए बीसीए अध्यक्ष को और बीसीए को राजनैतिक पार्टी ना समझे कि सरकार बदली और पिछली सरकार के कार्यों की खुद ही अपना नाम का प्लेट लगा फिता काट दिया।

बीसीए अध्यक्ष सर्वप्रथम बीसीए के हित में कुछ कार्य करें जब से अध्यक्ष बने हैं पहले संविधान के विरुद्ध जिलों के समस्यायों को लोकपाल के पास ना भेजकर खुद तीन सदस्यों कि कमीटी बनाते हैं और खुद ही उसके चेयरमैन बन जाते हैं और विवाद को सुलझाने के बजाय उलझा देते हैं दाद देता हूं जिला प्रतिनिधि संजय सिंह को भी जो कल आपके उस 3 सदस्यों के कमेटी के निर्णय का विरोध करते हैं और आज उसी को सही बताते हैं।

बीसीए अध्यक्ष ने कुर्सी सम्हालते ही संविधान की इतनी धज्जियां उड़ाई हैं जिसका कोई हिसाब नहीं बल्कि लोगों को कभी विधान सभा टिकट दिलवाने तो किसी को बीसीए सचिव की कुर्सी दिलवाने का लोभ देकर सचिव के खिलाफ साजिशें करते रहें अब सवाल ये है कि 4 लोगों को सचिव का लोभ दे चुके हैं लेकिन आखिर देने किसको वाले हैं वो भी वर्तमान सचिव के रहते खैर बीसीए अध्यक्ष फिलहाल अपनी कुर्सी बचाने में सफल हो जाए फिर किसी को पद दे।

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