Home Bihar cricket association News, संयुक्त सचिव के निजी सचिव मनोज को मिला तीन माह का भुगतान:-मनोज कुमार(एमडीसीए सचिव)

संयुक्त सचिव के निजी सचिव मनोज को मिला तीन माह का भुगतान:-मनोज कुमार(एमडीसीए सचिव)

by Khelbihar.com
  • संविधान के विरुद्ध नियुक्ति पर पहले इंकार फिर स्वीकार से उठने लगा है सवा- मनोज –

खेलबिहार न्यूज़

पटना 02 जुलाई : बिहार क्रिकेट संघ में पहली बार निजी सचिव रखने की परंपरा पर अंततः आधिकारिक मुहर लग ही गया जब असंवैधानिक ढंग से सचिव पर के दायित्व को संभाल रहे बीसीए के संयुक्त सचिव कुमार अरविंद ने आनन फानन में बनाये गये अपने निजी सचिव मनोज कुमार के नाम डेढ़ लाख का भुगतान करा लिया। ये बाते एमडीसीए के सचिव मनोज कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहि है।।

बैंक ऑफ इंडिया के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सचिव पद के निजी सचिव बने मनोज कुमार ने नाम तीन महीने का मानदेय डेढ़ लाख रुपये के जिसमें टीडीएस की कटौती 15 हजार रुपये होने के कारण 1,35000 हजार रुपया का भुगतान किया गया है।

मनोज कुमार द्वारा उपलब्ध कराई गई बीसीए संयुक्त सचिव के निजी सचिव मनोज की तस्वीर

बताते चलें कि मनोज कुमार भोजपुर जिला क्रिकेट संघ के सचिव रहे हैं। आनन फानन में अपना पद छोड़ वें संयुक्त सचिव कुमार अरविंद के निजी सचिव बन गये। जहाँ तक कुमार अरविंद का सवाल है खुद उनका सचिव पद पर बने रहना ही बीसीए के संविधान के विरुद्ध है। अव्वल तो बीसीए के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब निर्वाचित सचिव को येन केन प्रकारेण वित्तीय मामलों में आरोपी बनाकर पहले निलंबित और तकरीबन साढे चार महीने बाद पद से बर्खास्त का फ़रमान सुना दिया गया है।

जबकि सचिव के खिलाफ एक याचिका के आलोक में बीसीए की लोकपाल ने 30 जून का सुनवाई तिथि मुकर्रर कर रखा है। इतना ही नहीं संयुक्त सचिव के खिलाफ हाई कोर्ट में एक याचिका विचाराधीन है जिसमें लोढा कमिटी के अनुशंसा के विरुद्ध सच को छुपा कर बीसीए के चुनाव में शामिल होने का आरोप है।

बावजूद इसके बड़े ही संदेहास्पद स्थिति में संयुक्त सचिव कुमार अरविंद को सचिव पद पर बरकरार रखा गया और तो और उनके निजी सचिव मनोज कुमार को भुगतान भीड़ किया गया है। जबकि पिछले सप्ताह ही संविधान के विपरीत निजी सचिव रखने के आरोप उजागर होने पर जिला प्रतिनिधि संजय सिंह के कथित निजी सचिव संजीव कुमार और संयुक्त सचिव कुमार अरविंद के कथित निजी सचिव मनोज कुमार ने निजी सचिव के मद में बना बनाया भुगतान लेने से इंकार कर दिया था।

बीसीए सूत्रों की माने तो निजी सचिव रखने पर विवाद गहराता है तो मनोज कुमार के पद में बदलाव तक करने की तैयारी है!बहरहाल बीसीए में गुपचुप तरीके से हो रहे मनचाहा भुगतान ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर शीघ्र ही बीसीसीआई हस्तक्षेप नहीं करती है तो आवंटित अनुदान की राशि को खेल विकास की जगह यों ही एक से अधिक कार्यालय, गेस्ट हाऊस, विभिन्न पदों के जीएम, लोकपाल और निजी सचिवों के मद में बंदरबांट की जायेगी।

Related Articles

error: Content is protected !!