Home Bihar क्या बिहार से दो टीम लेगी भाग सैयद मुश्ताक अली टी-20 ट्रॉफी में? बीसीसीआई के फैसले पर टिकी सभी की नज़र?

क्या बिहार से दो टीम लेगी भाग सैयद मुश्ताक अली टी-20 ट्रॉफी में? बीसीसीआई के फैसले पर टिकी सभी की नज़र?

by Khelbihar.com

खेलबिहार न्यूज़

पटना 26 दिसंबर : बिहार के खिलाड़ियों की आस बीसीसीआई के ऊपर टिकी हुई है। आगामी 10 जनवरी से बीसीसीआई के घरेलू क्रिकेट की शुरुआत सैयद मुश्ताक अली टी -20 ट्रॉफी से होने जा रही है। खिलाड़ियों में असमंजस की इस्तिथि बनी है की बीसीसीआई के द्वारा किस गुट को टूर्नामेंट में भाग लेने दिया जायेगा।

आपको बता दे कि वर्त्तमान में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन दो गुट में बंटा हुआ है। सचिव संजय कुमार गुट और अध्यक्ष राकेश तिवारी गुट। दोनों गुट ने अपने -अपने तरीके से सैयद मुश्ताक अली टीम भेजने हेतु मैचों का आयोजन किया अब दोनों गुट कैम्प भी जल्द लगाने जा रही है। ऐसे में बिहार के खिलाड़ियों में असमंजस है की इस गुट के टीम को बीसीसीआई मानती है और उसे सैयद मुश्ताक अली टी 20 ट्रॉफी में खेलने को देगा।

आपको बता दे की बीते 16 दिसंबर को बीसीसीआई के 24 दिसंबर को हुए एजीएम एंव बीसीसीआई के उपाध्यक्ष चुनाव वोट करने के लिए बिहार से बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी का नाम बीसीसीआई ने जारी किया था जिसके बाद बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के बयान जारी कर कहा था की बीसीसीआई बिहार में अध्यक्ष गुट को ही मानती है इसके अलावे बिहार में कोई दूसरा गुट नहीं है।इसलिए बीसीसीआई ने बीसीए अध्यक्ष का नाम बीसीसीआई के उपाध्य्क्ष के चुनाव में वोट देने के लिए नाम जारी किया है।

हलाकि पिछले वर्ष हुए बीसीसीआई के अध्यक्ष ,उपाध्यक्ष ,सचिव ,कोषाध्यक्ष के चुनाव में भी वोट करने के लिए बीसीसीआई द्वारा बिहार से बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी का ही नाम जारी किया था जबकि उस समय बीसीए में कोई गुटबाजी नहीं थी। आपको बता दे अभी जो वर्तमान में गुटबाजी है वह 31 जनवरी 2020 को हुए बीसीए की आरा में एजीएम से शुरू हुई है जिसमे अध्यक्ष गुट में शामिल कार्यकारणी ने सचिव पर आरोप लगने के कारण निलंबित कर दिया था जबकि सचिव संजय कुमार ने उस एजीएम को ही रद्द कर दिया था।

आपको बताते चले की ऐसा ही मामला देखने को मिला था जब बीसीए के सचिव रविशंकर प्रसाद थे उस समय भी कई जिला संघ के अंदर दो-दो गुट कार्य में थे और जब अंतरजिला क्रिकेट टूर्नामेंट शुरू हुआ था तो एक -एक जिले से दो -दो टीम भाग लेने के लिए आयोजन स्थल पर पहुंच गया था जिसके बाद मैच को बिच में ही बंद करना पड़ा लेकिन बाद में एक टीम को ही खेलने को दिया गया था। सवाल यह है कि क्या बीसीसीआई के सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी टूर्नामेंट में जिला संघ की तरह दो टीम पहुंचेगी? किस गुट की टीम को सही माना जायेगा ? दोनों गुट अपने -अपने दावे कर रहा है की उसके ही बनाई टीम को बीसीसीआई मानेगी।

सोसल मीडिया में वायरल एक पत्र में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को लेकर खबरे तेज है की बीसीसीआई के 24 दिसंबर को हुए एजीएम में यह फैसला किया गया है कि बिहार क्रिकेट संघ के लिए एपेक्स कॉउंसिल के सदस्यों द्वारा एक ऑवजर्वर की नियुक्ति की गई है जो अपने संविधान के अनुसार बिहार क्रिकेट संघ कामो को देखेगा। इस वायरल पत्र की सत्यता की पुष्टि खेलबिहार न्यूज़ नहीं करता है।

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लेकिन आपको बता दे की ये फैसला बीसीसीआई द्वारा आयोजित नवंबर माह में एपेक्स कॉउंसिल की बैठक में होने की खबरे आई थी। लेकिन अभी तक बीसीसीआई के ओर से बिहार में किसी भी ऑवजर्वर को नहीं भेजा गया। पिछले माह बिहार क्रिकेट में यह खबरे भी थी की बीसीसीआई द्वारा बिहार में एक एडहॉक कमिटी आनेवाली है लेकिन वह कमिटी भी अभी तक नहीं है।

दूसरी ओर यह बात भी होता रहा है की बीसीसीआई का साफ कहना है की किसी भी राज्य संघ के आपसी मामले में बीसीसीआई हस्ताक्षेप नहीं करता है।

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