Home Bihar बीसीए के दो गुट होने से टूर्नामेंट आयोजक परेशान,जब बंद है बीसीए खाता तो रजिस्ट्रेशन फी कहा हो रहा जमा?

बीसीए के दो गुट होने से टूर्नामेंट आयोजक परेशान,जब बंद है बीसीए खाता तो रजिस्ट्रेशन फी कहा हो रहा जमा?

by Khelbihar.com

पटना 2 फरवरी: बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के दो गुट होने से बिहार के रजिस्टर खिलाड़ियों ,बीसीए स्टाफ़ ,अम्पायर सहित बिहार में टूर्नामेंट के आयोजकों को भी परेशानी हो रही है। एक ओर बीसीए सचिव(सचिव गुट) संजय कुमार द्वारा कई बिहार में आयोजित होने वाले टूर्नामेंट को मान्यता(बीसीए से पंजीकृत) दी जा रही है तो दूसरे ओर बीसीए के संयुक्त सचिव कुमार अरविन्द द्वारा उसी या संजय कुमार द्वारा दी गई टूर्नामेंट एफ़िलेशन को गैर पंजीकृत बताया जाता है।

इस बीसीए के राजनीती ने साल भर से बिहार में क्रिकेट होने नहीं दिया अब जब बिहार में क्रिकेट वापसी हुई है तब क्रिकेट टूर्नामेंट में खिलाड़ियों ,स्टाफ आदि को धमकाना की आप इस टूर्नामेंट में भाग नहीं ले सकते या खेल सकते है। सवाल यह उठता है की बीसीए खुद घरेलु क्रिकेट करबा नहीं रहा है क्योकि बीसीए के लिए अभी भी शायद कोरोना वायरस(कोवीड -19) उपस्तिथ है और इसके नियम इतने कठोर है की पालन भी नहीं किया जा सकता और जब कोई टूर्नामेंट आयोजक क्रिकेट करबा रहा है तो उसे टूर्नामेंट रजिस्ट्रेशन करबाना और 5500 रूपये बीसीए के खाते में जमा करबाने को मजबूर करना क्या सही है? सवाल यह भी की जब बीसीए का खाता ही फ्रीज़(स्थायी रूप से सेवा में नहीं है) तो फिर टूर्नामेंट रजिट्रेशन के पैसे कहा जमा हो रहे है या होंगे?

आपको बता दे की बीसीए सचिव संजय कुमार द्वारा ऐसी सूचना बीसीए की डॉट.इन वाली वेबसाइट में नहीं दी गई है आप यह टूर्नामेंट खेलते है तो आप पर कार्यवाही की जाएगी जबकि बीसीए की अध्यक्ष वेबसाइट डॉट.कॉम पर ऐसी सुचना पहले भी कई बार जारी किया गया है की आप गैर पंजीकृत टूर्नामेंट में खेलेंगे तो आप पर कार्यवाही की जाएगी। दूसरी बात इन वेबसाइट से देखने को मिलता है की सचिव संजय कुमार द्वारा जिस टूर्नामेंट को मान्यता दी जाती है उस टूर्नामेंट को बीसीए कार्यकारी सचिव कुमार अरविन्द द्वारा गैर पंजीकृत बता वेबसाइट पर नोटिस जारी किया जाता है।

उदाहरण के लिए आपको बता दे 10 जनवरी 2021 को बक्सर में आयोजित 15th फैज़ मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट के बारे में बीसीए के सचिव संजय कुमार द्वारा अप्रूवल दी जाने की सुचना जारी की जाती है जबकि 12 जनवरी को एक और सुचना उसी टूर्नामेंट को लेकर बीसीए के कार्यकारी सचिव कुमार अरविन्द द्वारा जारी कर खिलाड़ियों और स्टाफ को बताया जाता है की यह टूर्नामेंट बीसीए से पंजीकृत नहीं है।

ऐसे में खिलाडी,स्टाफ और टूर्नामेंट के आयोजक को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एक गुट बीसीए के नाम से मान्यता देती है जबकि दूसरे गुट द्वारा इसे बीसीए से गैर पंजीकृत बता खिलाड़ियों को और दुभिदा में डाल दे रही है। यह तो बात हुई बीसीए से जुडी अब बात करते है जिला एसोसिएशन की।

बीसीए से मान्यताप्राप्त एक जिला इकाई के द्वारा अपने जिले के रजिस्ट्रर खिलाड़ियों को गैर पंजीकृत टूर्नामेंट में खेलने से रोकना वही दूसरे जिला जुट(वर्तमान में कई जिलों में दो -दो जिला संघ एक्टिव है) उसी टूर्नामेंट में जिले के खिलाड़ियों को खेलने की सहमति देना? खिलाड़ियों के लिए सच में इससे बड़ी समस्या क्या हो सकती है? उठते इन सवालों को बीसीए जरूर गंभीरता से ले और खिलाड़ियों सहित बिहार में टूर्नामेंट के आयोजकों को सही जानकारी दे?

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