Home Bihar अगर बीसीएल में कोई दाग नहीं तो बीसीएल से जुडी इन जानकारियों को सभी के सामने रखें: अरसद जेन

अगर बीसीएल में कोई दाग नहीं तो बीसीएल से जुडी इन जानकारियों को सभी के सामने रखें: अरसद जेन

by Khelbihar.com

पटना 28 जून: बिहार क्रिकेट जगत में कुछ दिनों से लगातार बीसीएल को लेकर सवाल किया जा रहा है। यू तो जबसे बीसीएल का आयोजन किया गया तबसे बिहार क्रिकेट लीग(BCL) को लेकर लगातार कोई न कोई सवाल उठता ही है। बिहार क्रिकेट से जुड़े लोग है हो या खिलाडी या खुद बीसीसीआई ने भी बीसीएल के आयोजन पर सवाल उठाया था।

लेकिन अभी जो चर्चाओं का माहौल गर्म है बिहार क्रिकेट में वह सीएबी के नालंदा जिला इकाई के सचिव मो अरसद जेन द्वारा राष्ट्रीय जाँच एजेंसी से बिहार क्रिकेट लीग की जाँच की मांग की है और अरसद जेन ने तो बीसीएल को पाकिस्तान की एक कंपनी के मालिक से पैसे देने का भी सवाल और जाँच की मांग की है। जिसके बाद से बिहार में लगातार सवाल और जबाब चल रहा है। जिसमे बीसीए से जुड़े पदाधिकारी ने भी बयान दिए है।

बीसीए पदाधिकारियो के दिए बयान के बाद अरसद जेन ने खेलबिहार को बताते हुए उन पदाधिकारियों से एक बार फिर पूछा है की “ अगर आपलोग को इतना ही क्रिकेट से प्रेम है तो BCL के बैंक खाते की जानकारी सब के सामने लाऐं तथा BCL के विजेता और उप विजेता को 15-10 लाख क्युं नही दिये गये ये भी बताऐं। अभी तक मात्र 5-10 खिलाडियों को ही पैसे क्युं मिले हैं बाकी खिलाडियों को पैसे अबतक क्युं नही दिये गये हैं।

उन्होंने आगे कहा” अरशद निज़ाम शावल की कंपनी Sportzfront Private Limited ने 90 लाख किस बात के दिये गये हैं एसे आदमी की कंपनी से BCL या BCA से क्या संबंध है और किस कॉनट्रैक्ट के अंतरगत उसे BCL मे जोड़ा गया था।जिन -जिन टीम फ्रेंचाइजी थे उन्होंने कितने-कितने रुपये टीम खरीदने मे दिये और किस अकाउंट मे दिये जबकी एक टीम के लिए 75 लाख दाम रखा गया था । इन सभी सवालों का जबाब दे।

इन सवालों का जबाब बीसीए देता है यह नहीं ये तो देखने वाले बात होगी। लेकिन देखा जाये अगर बीसीए ने बीसीएल का सही आयोजन कराया इसमें कोई भी त्रुटि नहीं है फिर बीसीए डर क्यों रही है। हर बार बीसीए द्वारा ये क्यों कहा जा रहा है की ये भ्रम फैलाया जा रहा है अगर यह भ्रम है तो अभी तक बीसीए ने ऐसे लोगो पर करवाई क्यों नहीं किया या करता है। जबकि अरसद जेन ने एक बयान में कहा था की अगर न्ययालय में मेरे आरोप गलत साबित हुए तो मैं न्ययालय द्वारा दिए सज़ा को स्वीकार करूँगा और आपलोगो से माफ़ी भी मांगूंगा। इसके बाबजूद क्यों चुप बैठी है बीसीए?

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