Home Bihar गीता , गायत्री व गंगाजल से बीसीए को पवित्र करने का अभियान की हुई शुरूआत

गीता , गायत्री व गंगाजल से बीसीए को पवित्र करने का अभियान की हुई शुरूआत

by Khelbihar.com

पटना 01 नवंबर: आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बीसीए प्रवक्ता संजीव कुमार,पूर्व बीसीए अध्यक्ष गोपाल बोहरा,इंफ्रास्ट्रक्चर कमिटी के संयोजक सुनील दत्ता मिश्रा सहित अन्य लोग ने किया।

हर बच्चों का है अधिकार रोटी , खेल , पढ़ाई एवं प्यार नोबेल पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी गीता , गायत्री और गंगाजल से बीसीए को पवित्र करने का अभियान की हुई शुरूआत ।

सांस्कृतिक व साहित्यिक साधना से ही हो सकता है बिहार का उत्थान गीतामैन वी ० वी ० एस ० लक्ष्मण के जन्म दिवस से संघर्ष का हुआ ऐलान । बीसीए में conflict of interest का खुल्लमखुला खेल जारी बीसीए की टीम में खेल रहे हैं conflict erest से पदाधिकारियों के लाडले ।

बीसीए में भ्रष्टाचारियों की लंबी फौज , क्रिकेट के नाम पर दुकानदारी चलानेवाले वैसे भ्रष्टाचारियों के काले करतूत को गंगा में प्रवाहित करने का है उचित समय ।

इंडेपेंडकेंट क्रिकेट प्लेयर्स प्रोटेक्शन काउंसिल आफ बिहार का हुआ गठन- वकीलों की टीम भ्रष्टाचारियों पर रखेगी नजर बीसीए को पवित्र बनाने का यही है सच्च संकल्प । बीसीए में व्याप्त भ्रष्टाचार को काउंसिल की माध्यम से भारत के महामहिम राष्ट्रपति , प्रधानमंत्री भारत सरकार के खेलमंत्री , बिहार के महामहिम राज्यपाल , मुख्यमंत्री व बिहार सरकार के खेल मंत्री के साथ क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था बीसीसीआई को अवगत कराने का निर्णय ।

बीसीए में छाये भ्रष्टाचार की हो सीबीआई जांच काउंसिल की टीम सीबीआई को करेगी हरसंभव मदद । बिहार से गुरुग्राम तक फैले भ्रष्टाचार की हो निष्पक्ष सीबीआई से जांच । भारत के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा सम्मानित गीता लीग की चैम्पियन 12 वर्षीय बच्ची मरियम सिद्दकी के नाम पर राज्य स्तरीय अंतर स्कूल जूनियर महिला क्रिकेट प्रतियोगिता का होगा आयोजन ।

बिहार में क्रिकेट को संचालित करने वाली संस्था बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ( बीसीए ) बिहार के करीब साढ़े बारह करोड़ लोगों के साथ न्याय नहीं कर पा रही है । बिहार के हजारों उदयमान खिलाड़ियों , अभिभावकों तथा खेल प्रेमियों के लगतार आ रही शिकायत व संदेश के बाद बीसीए पर विभिन्न तरह के कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं जो पूरी तरह से बिहार क्रिकेट के विकास में बाधक है ।

बीसीए को माननीय सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के आदेश के बाद क्रिकेट की गतिविधियों को संचालित करने का जिम्मा बिहार में बीसीए को 04 जनवरी 2018 को मिला था । इस ऐतिहासिक निर्णय के बाद बिहारी भाईयों में एकाएक प्रसन्नता की लहर व खुशी दौड़ पड़ी थी और लगा कि बिहार क्रिकेट के क्षेत्र में जल्द ही राष्ट्रीय मानचित्र पर दिखेगा ।

इसके लोग मानने लगे थे कि बिहार क्रिकेट में स्वर्णिम दिन भी आयेंगे और बिहार के खिलाड़ी भी अन्य राज्यों की खिलाड़ियों की तरह बीसीसीआई के मैचों में खेलते हुए भारतीय टीम का हिस्सा होंगें । बिहार में होली और दीपावली लोग मिठाईयाँ बांटकर मना रहे थे ।

बिहार के अभिभावकों को लगा था कि मेरा बेटा प्रदर्शन के आधार पर सचिन तन्देलुकर , वीरेन्द्र सहवाग , महेन्द्र सिंह धौनी , विराट कोहली , इशान किशन की तस बनते दिखेंगे लेकिन हुआ क्या यह सर्वविदित है ।

बिहार के पत्रकारों को भी बीसीए में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी कलम उठानी पड़ी ऐसे पत्रकार बिहार के लिए पूजनीय एवं वंदनीय है । बिहार के पत्रकार केन्द्रीय स्तर पर बिहार का नाम रौशन किये हैं ।

बीसीए में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करने की अपेक्षा बिहारवासी उनसे रखते हैं । बीसीए में कुण्डली मारकर बैठे कुछेक पदाधिकारी और कर्मचारी खिलाड़ियों के भविष्य के खिलवाड़ कर.: रहे हैं और मैदान में 10-10 घंटे पसीना बहानेवाले हुनर और काबिल खिलाड़ी को चयनित टीम में जगह न देकर दिल्ली राजस्थान , झारखण्ड , उत्तराखण्ड अन्य राज्यों खिलाड़ियों को पिछले दरवाजे से पैराशुट से उतारकर बीसीए के अंदर गली – गली भ्रष्टाचार की दुकान चला रहे हैं ।

बीसीए की मुश्ताक अली टीम हो , अंडर -19 पुरुष की टीम हो , जुनियर महिला की टीम हो , सीनियर महिला की टीम हो , हर टीम में भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार है । बीसीए में अयोग्य लोगों को चयनकर्ता बनाकर बंद कममे में उनकी खुद योग्यता पर सवाल उठाते हुए चयनकर्ताओं पर दबाव बनाकर बाहरी खिलाड़ियों का चयन करवाया जाता है ।

बीसीए में शासक बनकर बैठे कान में कडुवा तेल डालकर अपनी उंची उंची पहुंच बताकर लोगों को पहले तो प्रलोभन देते हैं और जो उनके प्रलोभन की जाल में नहीं फंसते हैं तो उन्हें मीठी – मीठी धमकी देते हुए हर किसी को जेल भेजवाने तक की बात करते हैं ताकि ऐसे – ऐसे भ्रष्टाचारियों को संरक्षण मिलता रहे ऐसे लोगों की मात्र एक ही दवा गीता , गायत्री और गंगाजल है ।

ऐसे लोगों को इन तीनों चीजों से पवित्र करने के बाद भी शुद्ध नहीं माना जा सकता है । बाल्यकाल की अवस्था से हुड़दंगई और सेटिंग – गेटिंग के बल पर बिहार क्रिकेट के मसीहा बनने वाले को बिहार के खिलाड़ी , अभिभावक तथा करोड़ों जनता सबक सिखाकर इनसे अभिमान का बदला निश्चित रूप से लेगी ।

बिहार में बीसीए को चिनिया बादाम का दुकान बनाकर खिलाड़ियों के हुनर को चौक चौराहों पर बेचा जा रहा है । इसकी कई कहानी बिहार के प्रतिष्ठित पत्रकारों में एक श्री सुभाष पाण्डेय जी ने अपने फेसबुक वाल पर बीसीए के बारे प्रभात खबर दैनिक भास्कर समेत कई मीडिया हाउस के पत्रकारों ने बीसीए में फैले भ्रष्टाचार को समाचार पत्र में प्रथम पृष्ठ पर स्थान दिया है जिसके बावजूद कोई फर्क नहीं पड़ा है ।

लेकिन इतिहास गवाह है कि लेखनी और साहित्य में वह ताकत है कि सत्ता के मद में मदहोश लोगों को सिहांसन खाली करना पड़ा है । बिहार के नौनिहालों को हलाल करके भ्रष्टाचार की गंध फैलाकर दुकान चलाने वाले लोग का चेहरा बीसीए में बेनकाब होने के बाद भी कारवाई न होना यह स्पष्ट करता है कि शीर्ष पद पर बैठे लोग भ्रष्टाचार से प्राप्त रेवडी का भोग लगा रहे हैं ।

ऐसे लोग को गीता , गायत्री और गंगाजल से बीसीए को पवित्र करने की बात पर चौक चौराहों पर हंसी उड़ाते हुए भ्रष्टाचार की गंगोत्री में डुबकी लगाते दिख रहे हैं । बीसीए के जिला प्रतिनिधि और क्रिकेट के इंचार्ज पर गहन जा बैठाने वाले वैसे पदाधिकारी को कम क्लीन चिट मिली और कब रातों – रात बीसीए की तिजोरी के मालिक बन बैठे । बीसीए के कई जिला सघों ने बीसीए में हुए चयन को दिल्ली की निर्भया काण्ड से ज्यादा जघन्य बलात्कार तक बता दिया ।

इस कान्फ्रेन्स में कई खुलासे किये जा रहे हैं । वहीं श्रीमद्भागवत गीता आपके द्वारा अभियान के तहत राज्य के अंदर क्रिकेट का आयोजन भी कराने का संकल्प है जिसमें मेहनती खिलाड़ियों को अपने प्रदर्शन करने का मौका दिया जायेगा और बीसीए के साथ बीसीसीआई को सीधे बताया जायेगा । आखिर बीसीए में बिहार सरकार से रजिस्ट्रेशन , एकाउंटस के मामले प्रशासनिक मामले एवं बीपीएल में बड़े पैमाने पर लूट खसोट की आयी खबरें के बारे में कौन बतायेगा ?

गीता , गायत्री और गंगाजल से बीसीए को पवित्र करने का अभियान इसीलिए आज से प्रारंभ हुआ है । सांस्कृतिक व साहित्यिक साधना से ही हो सकता है बीसीए का उत्थान संभव है । गीतामैन वी ० वी ० एस ० लक्ष्मण के जन्म दिवस से संघर्ष का ऐलान किया गया है । बीसीए बिहार की साढ़े बारह करोड़ जनता की है । अगर कोई यह समझता है कि बीसीए मेरी पॉकेट की संस्था और प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है तो उनको उचित समय पर ज्ञान प्राप्त हो जायेगा ।

बीसीए में conflict of interest का खुला खेल चल रहा है । बीसीए की टीम में खेल रहे हैं पदाधिकारियों के कई लाडले बीसीए की अपनी कोई एकेडमी नहीं है और बीसीए में कुछ वैसे लोगों को अंदर रखकर उनके निजी एकेडमी से भी निजी लाभ प्राप्त कर रहे हैं । ऐसे लोगों पर सीधी कारवाई न करके उनको प्रोत्साहित कर रहे हैं । प्राइवेट एकेडमी के प्रायोजित खिलाड़ियों को विभिन्न जिलों में भेजा जाता है और पिछले दरवाजे से चयन कराकर सही प्रदर्शन करनेवालों की हक मारी की जाती है । .

.. बीसीए में भ्रष्टाचारियों की लंबी फौज है , क्रिकेट के नाम पर दुकानदारी चलानेवाले वैसे भ्रष्टाचारियों की गंगा में किया जाय प्रवाहित करने का सही समय आ गया है । बीसीए के पदाधिकारियों ने इसलिए उक्त काउंसिल का गठन आज किया है और इसमें विद्वान अधिवक्ताओं को मुख्य रूप से सहयोग लिया जायेगा इसके बाद जल्द ही हेल्पलाइन नंबर जारी किये जायेंगे ।

बीसीए में व्याप्त भ्रष्टाचार की कहानी को काउसिंल की टीम द्वारा भारत के महामहिम राष्ट्रपति , प्रधानमंत्री , भारत सरकार के खेलमंत्री समेत बिहार के महामहिम राज्यपाल , मुख्यमंत्री व बिहार सरकार के खेल मंत्री समेत क्रिकेट के सर्वोच्च संस्था बीसीसीआई के समक्ष रखकर राज्य के भोलेभाले खिलाड़ियों को न्याय दिलाया जायेगा । सभी आवश्यक के पास रखा जायेगा और बिहार को क्रिकेट के मामले में पवित्र करने का आग्रह किया जायेगा ।

हालांकि आपको बता दे आज के इस बैठक को लेकर बीसीए के मीडिया कमिटी के ओर से भ्रामक व बीसीए के प्रवक्ता संजीव कुमार मिश्र को पद मुक्त बताया गया था लेकिन खेलबिहार को संजीव मिश्र ने इस खबर को गलत बताया था।।

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