Home Bihar बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले की छानबीन कर रही दिल्ली पुलिस:मनोज कुमार

बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले की छानबीन कर रही दिल्ली पुलिस:मनोज कुमार

by Khelbihar.com
  • बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले की छानबीन कर रही दिल्ली पुलिस
  • कनाॅट प्लेस के पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में पीड़ित चित्रा बोरा के आवेदन संख्या 81650220004 पर हो रही है जांच

पटना 04 जनवरी:  बिहार क्रिकेट लीग (बीसीएल) के आयोजन के दौरान आयोजन में सहभागी बने चित्रा बोरा के साथ कथित यौन उत्पीड़न मामले में बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष राकेश तिवारी के खिलाफ दिल्ली में दर्ज कराई गई प्राथमिकी को लेकर भले ही उनके समर्थक लोगों द्वारा मामले को झूठा और पाक साफ होने की अफवाह फैलाई जा रही हो लेकिन सच्चाई यह है कि यह मामला दिल्ली के कनॉट प्लेस पार्लियामेंट स्ट्रीट स्थित थाने में दर्ज कराई गई है जिसका आवेदन संख्या( 816 502 20004 ) है । ये बात मुज़्ज़फ़्फ़रपुर जिला क्रिकेट संघ(उत्पल रंजन गुट)के सचिव सह स्वतंत्र पत्रकार मनोज कुमार ने खेल बिहार से कही है।

उन्होंने बताया ” इस मामले में फिलहाल छानबीन जारी है ।छानबीन के पश्चात कांड के अनुसंधानकर्ता नियुक्त होने पर प्राथमिकी संख्या भी स्पष्ट हो जाएगी। अन्यथा मामले को दबाने की नौबत में आयुक्त स्तर पर भी मामले की छानबीन होने की संभावनाएं हैं।

घटना के संबंध में पीड़ित चित्र बोरा के भाई आशुतोष बोरा ने बताया कि प्राथमिकी को लेकर पीड़िता ने आवेदन के साथ अध्यक्ष के खिलाफ जो साक्ष्य मुहैया कराया है उसमें होटल के कमरा की संख्या, होटल में जमा कराए गए पीड़िता का आईडी, मोबाइल पर अध्यक्ष के साथ बातचीत की रिकॉर्डिंग और व्हाट्सएप ग्रुप पर चैटिंग के साथ मोबाइल लोकेशन शामिल हैं । श्री बोरा ने बताया कि इस मामले में वे कानून के भरोसे लड़ाई लड़ रहे हैं और दिल्ली पुलिस से न्याय की उम्मीद है ।

उन्होंने बताया कि इस मामले में केस तो पहले ही दर्ज हो जाता लेकिन अध्यक्ष के द्वारा भेजे गए बीसीए के लोग समझौते का दबाव बना रहे थे। इसी बीच समझौता नहीं होता देख अध्यक्ष की ओर से उनके खिलाफ साजिश रच कर मामला बनवा कर जेल भेजने का काम किया गया । जबकि जो मामला उनके खिलाफ दिखाया गया वैसी परिस्थिति में दोनों पक्षों को बिठाकर समझौता के हालात बनाए जाते हैं अन्यथा आरोपित के खिलाफ 48 घंटे पहले नोटिस दी जाती है ।

उनके मामले में ऐसा नहीं होना दर्शाता है कि उनके खिलाफ साजिश के तहत फर्जी मामला दर्ज कराया गया था ।उन्होंने बताया कि बीसीएल के आयोजन में निशांत दयाल के उस कंपनी एलीट को प्रायोजक बनाया गया जो बंद हो चुका था और महज 25 दिनों पूर्व हरकत में आई थी और फर्जी ढंग से चलाया जा रहा था फिर भी उसे एक करोड़ 60 लाख का टेंडर प्रक्रिया में प्राथमिकता देना सारी कहानी वयां कर देता है।

जबकि अनुभवी कंपनियों की अनदेखी की गयी। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा भी बीसीएल में सबसे पहले पटना पायलट टीम का पंजीकरण कराया गया था लेकिन जैसे ही उन्हें आयोजन में बूकियों के शामिल होने और मैच की जगह सट्टाबाजी की बू मिली उन्होंने अपने टीम को वापस लेने का फैसला किया।

इस संबंध में बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी का दाहिने हाथ कहे जाने वाले और बीसीएल आयोजन समिति के संयोजक ओमप्रकाश तिवारी से बातचीत के दौरान स्पष्ट कर दिया गया था कि वे खेल में सट्टाबाजी नहीं चाहते इसलिए अपनी टीम को वापस ले रहे हैं ।

श्री बोरा ने बताया कि बीपीएल के आयोजन में अनुभवी टीम को प्रायोजक बनाने की जगह निशांत दयाल द्वारा गलत तरीके से बनाए गए कंपनी को प्रायोजक बनाने से ही स्पष्ट हो गया था कि इस मामले में कोई नया गुल खिलने वाला है जब उन्होंने इसकी शिकायत अध्यक्ष से की और उनकी अनदेखी सामने आने से समझ आ गया था कि दोनों मिले हुए हैं।

श्री बोरा ने बताया कि अध्यक्ष के खिलाफ आईटी सेक्शन मामले में भी मामला दर्ज कराया गया है जिसमें चार लाख आठ हजार का दावा है। इस मामले में भी अध्यक्ष को जवाब देने होंगे। उन्हें यकीन है कि उनके मामले में न सिर्फ कानूनी कार्रवाई से चित्रा बोरा को इंसाफ मिलेगा बल्कि बीसीएल के आयोजन में बुकियों की मदद से की गई सट्टेबाजी और क्रिकेट के नाम पर धंधे का भी खुलासा हो सकेगा।

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