Home Bihar शारीरिक शिक्षक जायेंगे न्यायालय के शरण में

शारीरिक शिक्षक जायेंगे न्यायालय के शरण में

by Khelbihar.com

पटना 16 मार्च: माध्यमिक शारीरिक शिक्षक संघ बिहार ने राज्य सरकार से बीपीएससी द्वारा प्रधानाध्यापक की बहाली में शारीरिक शिक्षा विषय को शामिल करने सहित अन्य मुद्दों पर विचार विमर्श के लिए माध्यमिक शारीरिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष शिव नारायण पाल की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न हुआ।

बैठक के उपरांत माध्यमिक शारीरिक शिक्षक संघ बिहार के महासचिव गौरी शंकर व संयोजक जयनंदन कुमार ने संयुक्त रूप से बताया कि इस संबंध में माध्यमिक शारीरिक शिक्षक संघ ने अक्टूबर-नवंबर माह में हीं बिहार के मुख्यमंत्री,शिक्षामंत्री,अपर मुख्य सचिव,माध्यमिक शिक्षा निदेशक सहित सभी विभागीय शिक्षा पदाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है लेकिन कोई निष्कर्ष निकल पाया है।

साथ हीं साथ विभिन्न जनप्रतिनिधियों व शिक्षक प्रतिनिधियों द्वारा बिहार विधानसभा व विधान परिषद में भी शारीरिक शिक्षकों की माँग को जायज ठहराते हुए सरकार से बातों को मान लेने का आग्रह किया है। यदि प्रधानाध्यापक बनाने सहित व अन्य मांगों को एक सप्ताह के अंदर नहीं माना गया तो शारीरिक शिक्षक संघ बाध्य होकर न्यायालय के शरण में जायेंगे।

ज्ञातव्य हो कि शिक्षा विभाग के अनुसंशा के आलोक में बीपीएससी द्वारा राजकीय/राजकीयकृत/प्रोजेक्ट/उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक की नियुक्ति हेतु विज्ञापन निकाला गया है किन्तु डीपीएड/बीपीएड योग्यताधारी शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षित शिक्षक को जो एमए एवं समतुल्य उच्च योग्यताधारी हैं को इससे वंचित रखा गया है।

जबकि शिक्षा विभाग के पूर्व के आदेश ज्ञापक-6066,दिनांक-24-11-1986 एवं ज्ञापांक-400,दिनांक-25-03-2014 के द्वारा शारीरिक प्रशिक्षित शिक्षकों को प्रधानाध्यापक/प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्त किये जाते थे।और एनसीटीई के प्रावधान में भी बीएड एवं डीपीएड/बीपीएड की योग्यता को समतुल्य माना गया है।

गौरी शंकर व जयनंदन यादव ने यह भी कहा कि माननीय पटना उच्च न्यायालय द्वारा सीडब्ल्यूजेसी नंबर-1820/2018,दिनांक-02-09-2019 एवं माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा एसएलपी नंबर-1247/2013 में पारित न्याय निर्णय में डीपीएड/बीपीएड योग्यताधारी शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षित शिक्षकों को बीएड के समतुल्य मानते हुए प्रधानाध्यापक/प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्त किया जा सकेगा।

अब भारत सरकार ने नई शिक्षा नीति के तहत शारीरिक शिक्षा विषय को मुख्य विषय में रखा गया है। भारत के युवा पीढ़ी को स्वस्थ एवं रोगमुक्त बनाने के लिए शारीरिक शिक्षा विषय को सैद्धांतिक विषय के रूप मे शामिल करना न केवल आवश्यक एवं समीचीन प्रतीत होता है वरना वर्तमान समय में कॅरोना जैसी वैश्विक महामारी में इसकी उपयोगिता और बढ गयी है।

बैठक में उपाध्यक्ष हीरा लाल पांडेय,शिव शंकर पाल,सुनील कुमार,कन्हैया कुमार,आशुतोष कुमार,अनिल कुमार मुनमुन,नंद किशोर भगत,राजेश कुमार सहित कार्यकारिणी के सभी सदस्य मौजूद थे।

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