Home Bihar Bihar Cricket : रस्सी जल गई लेकिन ऐंठन नहीं गया – ज्ञानेश्वर गौतम

Bihar Cricket : रस्सी जल गई लेकिन ऐंठन नहीं गया – ज्ञानेश्वर गौतम

by Khelbihar.com

पटना : बीसीए  सचिव ने एक प्रेस विग्यप्ति जारी करते हुई बीसीए अध्यक्ष द्वारा 28 जुलाई को संपन्न हुई जेनरल मीटिंग  पर अपनी बात रखी और कहा था कि गीदड़भड़की देना customize jersey best wigs on amazon Pittsburgh Steelers wigs online adidas tanger outlet adidas outlet online nba jersey sale best wigs custom jerseys football vibrators sex toys wig outlet 49ers Jerseys synthetic lace front wigs adidas ultraboost best female sex toy बंद करें बीसीए से बर्खास्त  अध्यक्ष जिसके बाद बीसीए टूर्नामेंट कमिटी के कान्वेनर ज्ञानेश्वर गौतम ने एक बयान जारी करते हुई कहा है कि “रस्सी जल गई लेकिन ऐंठन नहीं गया”।

उन्होंने आगे कहा ” अभी-अभी एक खेल समाचार के चैनल पर बीसीए के बर्खास्त सचिव का बयान देखकर हंसी आ गई ।वो कहावत है न की रस्सी जल गई पर ऐंठन नहीं गया ।अपने कुकृत्यो के चलते जिस सचिव को लोकपाल के द्वारा बर्खास्त कर दिया गया हो वो उस अध्यक्ष को बर्खास्त बता रहा है जिसने 35 फुल मेंबर्स के साथ 28 जुलाई को अपनी ताकत का प्रदर्शन भी किया और शानदार क्रिकेट की पृष्ठभूमि भी तैयार कर दी।

अभी बीसीसीआई ने मजबूत आर्थिक सहयोग के साथ शानदार क्रिकेटिंग के लिए अध्यक्ष महोदय को बधाई भी दी।उसे ये बर्खास्त बता रहे है।महोदय जाइए अपने पंचायत और वही नाला बनवाइए,यहां हम स्टेडियम बनवाने जा रहे है।विकाश का शानदार रोड मैप तैयार हो चुका है।बीसीए की गाड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस की तेज रफ्तार सेदौड़ रही है।

एगो फर्जी चुनाव तो करा नही पाए और चले है राकेश तिवारी से लड़ने।मैंने तो पहले ही कहा था की ये चुनाव अधिकारी भागेगा,भाग गया ,पिछली बार भी रवि भैया को भारी नुकसान पहुंचा कर भाग गया था।लेकिन इस बार पाला राकेश तिवारी से पड़ा है ,10 जिलों में फर्जी चुनाव अधिकारी पर मुकदमा हो गया ,इलाज तो तय है।किसी कंपीटेंट कोर्ट का आदेश नही,चले थे चुनाव कराने।

महोदय बिहार की कानून व्यवस्था इतनी कमजोर नहीं है की अपना राज चला लीजिएगा।इसलिए शांति से जा कर अपने पंचायत में नाला बनवाइए,कुछ फंड का जरूरत होगा तो अध्यक्ष महोदय को कहिएगा,भिजवा देंगे।और अब ई हम्बो हम्बों बंद कर दीजिए,और हां ई जो आर्थिक अपराध का हवा पानी दे रहे है उससे अपना पीठ थपथपा लीजिए,कुछ बिगड़ने वाला नहीं है।बीसीसीआई ऐसे नही देता है पैसा,पहले उपयोगिता प्रमाण पत्र लेता है।

ई-सरकारी धन नहीं है,बीसीसीआई है।और एक बात कान खोल कर सुन लीजिए महोदय “सत्ता हनक से ही चलेगी,जो भी एंटी एसोसिएशन एक्टिविटी में शामिल होगा उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।

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