Home Bihar बीसीए को बचा रहें हैं ईश्वर और क्रिकेट कंस को कुछ जिला संघ मान रहे है परमेश्वर :- कृष्णा पटेल

बीसीए को बचा रहें हैं ईश्वर और क्रिकेट कंस को कुछ जिला संघ मान रहे है परमेश्वर :- कृष्णा पटेल

by Khelbihar.com

पटना। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ( बीसीए) की वर्तमान हालात में संविधान से छेड़छाड़ और चल रही मनमानी को देखते हुए बीसीए मीडिया कमेटी के चेयरमैन कृष्णा पटेल ने बयान जारी कर कहा कि बीसीए और जिला संघों का जो अस्तित्व है उसकी रक्षा ईश्वरीय कृपा से हो रही है।

जबकि जो गिरोह बीसीए सहित सभी जिला संघों का अस्तित्व को एक झटके में समाप्त कर देने वाले नापाक इरादों से कार्य करने में लगे हुए हैं वैसे क्रिकेट कंस को कुछ जिला संघ अपना सबसे बड़ा हितैषी और परमेश्वर मान बैठे हैं।

कृष्णा पटेल ने जिला संघों को ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि यह सर्वविदित है कि जिला संघों को अंधकार में रखकर अध्यक्ष गिरोह द्वारा बीसीए के संविधान संशोधन का मामला माननीय सर्वोच्च न्यायालय में अनुमोदन कराने के लिए पेश किया गया था। जिसमें बड़े चतुराई से अंग्रेजी भाषा में लिखित इस बीसीए संविधान में कई छेड़छाड़ की गई थी । क्योंकि अंग्रेजी भाषा का बहुत ज्यादा समझ कई जिला संघ के भोले-भाले पदाधिकारी को नहीं है और इसमें 38 जिला संघ के अलावे अन्य संस्थाओं व क्लबों को भी जिला संघ के बराबर वोटिंग राइट सहित अन्य अधिकार को देने का जिक्र किया गया था जो आज भी मद्य -निषेध निबंधन विभाग बिहार सरकार में बिना माननीय सुप्रीम कोर्ट से अनुमोदित कराए बीसीए संविधान संशोधन प्रक्रिया के तहत असंवैधानिक रुप से जमा है।

क्योंकि माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीसीसीआई के संविधान संशोधन प्रक्रिया के तहत यह निर्देशित किया गया है कि बीसीसीआई की संशोधित इस संविधान को मान्यता प्राप्त सभी राज्य संघ को भी अपनाना होगा और सुप्रीम कोर्ट से अनुमोदित संविधान ही राज्य संघ अपने निबंधन विभाग के पास संस्था की संविधान को संशोधित प्रक्रिया के तहत जमा करेंगे।
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इस पूरे प्रकरण में ईश्वरीय कृपा से कई घटनाक्रम घटना के बाद बीसीए के मानद सचिव अमित कुमार ने माननीय सुप्रीम कोर्ट में अध्यक्ष गिरोह द्वारा बीसीए संविधान संशोधन प्रक्रिया के खिलाफ एक आईए फाइल कर बीसीए व जिला संघों के अस्तित्व को बचाया ।
परन्तु एक बार पुनः बीसीए और जिला संघों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है और समय रहते जिला संघ के सम्मानित पदाधिकारी गहरी नींद से नहीं जागे तो फिर हाथ मलते रह जायेंगे और आज तो आपके सामने लज़ीज़ व्यंजन भी परोसा जा रहा है ताकि आप उस लज़ीज़ व्यंजन के आनंद में डूबकर कोरे कागज पर हस्ताक्षर कर अपना अस्तित्व को खुद समाप्त कर दें। ठीक उसी प्रकार जैसे अंग्रेजों ने हमारे देश में एक व्यापारी के रूप में आया और धीरे-धीरे देखते हीं देखते पुरे देश पर कब्जा जमाकर अपनी हुकूमत चलाने लगी और हम अपने हीं देश में गुलामी की जिंदगी जीने लगे। कुछ ऐसी ही तस्वीर वर्तमान समय में बीसीए में देखने को मिल रही है जो संविधान संशोधन मामला में दाल नहीं गलने के कारण अब बीसीए का निबंधन सोसायटी एक्ट से हटाकर कंपनी एक्ट में कराने का प्रयास किया जा रहा है।

इस संदर्भ मुझे सूत्रों के माध्यम से जानकारी मिल रही है माननीय उच्च न्यायालय पटना में एक याचिका दायर किया गया है जिसमें बीसीए नामक संस्था को कंपनी एक्ट से निबंधित कराने का भी जिक्र किया गया है।

अगर ऐसा संभव हुआ तो बीसीए एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बन जाएगी और मालिकाना हक रखने वाले आप सभी जिला संघ पर अपनी हुकूमत चलाएंगे और आप सभी जिला संघ का आत्मसम्मान और अस्तित्व एक झटके में समाप्त हो जाएगा साथ हीं साथ यह संस्था लोकतंत्र से राजतंत्र परिवर्तित हो जाएगा।

इसके बाद ना संविधान, ना स्वाभिमान और ना हीं आत्मसम्मान बचेगी बल्कि हर दिन आप सबों के आत्मसम्मान का हनन किया जायेगा और आप घुटने टेकते नजर आएंगे जैसे आज से ठीक 76 -77 साल पहले हमारे पूर्वज अंग्रेजी हुकूमतों के सामने बेबस और लाचार होकर घुटने टेकते नजर आते थें।
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आप एक नज़र प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों में कार्यरत बड़े-बड़े इंजीनियरों व मजदूरों की हालात के बारे में सोचिए और खुद से तुलनात्मक किजिए और बताएं मैं पूछना चाहता हूं जिला संघों के सम्मानित पदाधिकारी से :-क्या आपको किसी के बंधन में कार्य करना पसंद है?क्या आपको दैनिक भत्ता पर कार्य करने वाले मजदूरों के जैसा बर्ताव सहने का शौक है ?क्या इस लोकतांत्रिक देश में लोकतंत्र के बजाय राजतंत्र में रहना आपको पसंद है?क्या आपको अपनी स्वाभिमान और आत्मसम्मान से कोई वास्ता नहीं है?

क्या कई वर्षों से अपने जिला क्रिकेट संघ को ईमानदारी पूर्वक घर परिवार से दूर रह कर इस उद्देश्य के साथ सींचते आयें है कि एक दिन एक व्यापारी हम पर हुकूमत करें ?क्या आपकी तपस्या और कड़ी मेहनत करने के पश्चात लंबे अंतराल के बाद बीसीए को मान्यता मिली और अब किसी एक व्यक्ति विशेष के हाथों में मालिकाना हक देकर खुश होंगे ?

इन तमाम प्रकार के अनैतिक कार्यों का हिस्सा बनकर क्या आप अपने आने वाले पीढ़ियों के सामने शान के साथ जीवन व्यतीत कर पायेंगे ?इसलिए मैं एक पूर्व क्रिकेटर और बीसीए मीडिया कमेटी के अध्यक्ष होने के नाते जिला संघों के सभी सम्मानित पदाधिकारीयों से हाथ जोड़कर बारंबार आग्रह कर रहा हूं कि आप अपनी हाथों से हीं अपने अस्तित्व को मिटाने का घोर अनर्थ ना करें और गहरी नींद से जागकर अपना स्वाभिमान और आत्मसम्मान की रक्षा के लिए हौसला बुलंद आवाज़ बनें और किसी भी कंफुकबा दलाल के बहकावे से बाहर निकलें।

क्योंकि जिसे आप परमेश्वर समझ रहे हैं वो वास्तविक रूप में बीसीए व जिला संघों के लिए किसी क्रिकेट कंस से कम नहीं है। जो आपके सामने फर्जी संविधान संशोधन प्रक्रिया से लेकर सोसायटी एक्ट निबंधन से हटाकर अब कंपनी एक्ट के तहत निबंध करने का नापाक साजिश रच रहा है ताकि आजीवन बीसीए पर एक मालिकाना हक के तहत एक क्षत्र राज किया जा सके।
इसलिए अब आपको एकजुट होकर ऐसे नापाक इरादों वाले गिरोह से सावधान रहने की जरूरत है और ईश्वर हर बार आपकी मदद और सचेत भी करते आ रहे हैं कभी सचिव अमित कुमार के रूप में तो अब बारी है सभी जिला संघों की एकजुटता में ताकि नापाक इरादे वाले को करारा जवाब दिया जा सके।

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