खेलबिहार. कॉम न्यूज़
पटना: क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के सचिव आदित्य वर्मा ने बिहार क्रिकेट संघ द्वारा बनाई गई नई कमिटी को लेकर जो वबाल मचा है उसको लेकर खेलबिहार. कॉम न्यूज़ से प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा है।
मित्रो बिहार क्रिकेट संघ का दुर्दशा जब से माननीय अध्यक्ष ने अपने विद्धवान सलाहकारो के राय से लम्बी कमिटी क्या बना कर घोषणा किया चौतरफा अपने सदस्यो से घिर गए ।
बीसीए 1935 से बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त संस्था थी जो समय के साथ साथ कई दौरो से गुजर कर आज पुनः राज्य विभाजन के पश्चात 18 सालो के संघर्ष के बाद माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश से 2018 से बिहार क्रिकेट एसोसिएशन का नया जन्म हुआ।
एक कहावत है कि जो भी संस्था को निजी जागीर बना कर हुकुमत करेगा तब मान लो कि संस्था का मिट्टी पलीद होना तय है ।मै वर्तमान बीसीए के उपाध्यक्ष महोदय के द्वारा एक खेल पोर्टल को दिए गए वयान से पुरी तरह से सहमत हूँ । यह बिहार के क्रिकेटरो के साथ साथ संस्था का भी दुर्भाग्य है कि पिछले गलती से हम कुछ नही सीखे ।
जब बिहार क्रिकेट एसोसिएशन का नवीकरण झारखंड राज्य क्रिकेट संघ के रूप मे 17 साल पहले हो गया था । एक नासमझ के गलती से लगता है कि बीसीसीआई के द्वारा बिहार क्रिकेट पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा । कमाल है किसी संस्था का अध्यक्ष कमिटी बना कर घोषणा करता है और नामित सदस्यो के द्वारा इसे असंबैधानिक कह कर काम करना नही चाहता है ।
इसका मतलब है कि वगैर सहमति के उनका नाम डाल दिया गया था। पुरी दुनिया मे शायद यह अपने आप मे पहली घटना होगी जब किसी भी खेल संस्था मे यह घटित हुआ है ।