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पटना: बिहार क्रिकेट की बदनामी रुकने का नाम नही ले रही है दिन पर दिन खिलाड़ियों के जन्म प्रमाणपत्र को लेकर सवाल उठता है,ऐसे एक खिलाड़ी है भोजपुर के हृदयानंद सिंह ,पिता राज कुमार सिंह जो ईस्ट नवादा,आरा भोजपुर से है।
हरदयानंद सिंह ने बिहार से क्रिकेट खेलने के लिए अपने उम्र में बहुत ही बड़ा फेरबदल किया है,पिछले साल ईस्ट ज़ोन क्रिकेट टूर्नामेंट( विजी ट्रॉफी) में हरदयानंद अपने कॉलेज के जन्म तिथि 30-12-1998 से खेला था और भोजपुर जिला क्रिकेट संघ से रजिस्ट्रेशन में 30-12-2001 से करा कर खेल रहा है।
क्लीक कर देखेे:-हरदयानंद को फ़साने की हो रही साज़िश देखे सही दस्तावेज
इसकी पूरी जानकारी खेलबिहार को मीले दस्तावेज से मिली है, ईस्ट जोन क्रिकेट टूर्नामेंट( विजी ट्रॉफी )में रजिस्ट्रेशन में तथा कॉलेज परिचय पत्र में भी जन्म तिथि 30-12-1998 की है, जबकि भोजपुर जिला क्रिकेट संघ से के रजिस्ट्रेशन में दिए गए जन्म तिथि 30-12-2001 है।
हरदयानंद अभी बिहार में चल रहे अंडर-23 ट्रायल मैच में शामिल किए गए है, इससे साफ की हरदयानंद ने बिहार में क्रिकेट खेलने के लिए अपने उम्र को छुपाया है और गलत जन्म तिथि से भोजपुर से रजिस्ट्रेशन करा बिहार के टीम में से खेलना चाहते है।
खेलबिहार इन दस्तावेजो कि सही होने की पुष्टि नही करता है यह सब जांच का विषय है,बीसीए या जिला संघ को इसकी जाँच करनी चाहिए,
अब देखना है बीसीए या जिला संघ क्या क़दम उठाते है।जन्म प्रमाणपत्र में छेड़छाड़ के कारण ही बिहार के अंडर-16 के 24 खिलाड़ियों का रजिस्ट्रेशन बीसीसीआई ने रिजेक्ट कर दिया तथा कल आयुष आनंद को जन्म प्रमाणपत्र में छेड़छाड़ के कारण ही 2 साल के लिए निलंबित कर दिया है।
क्या बीसीए या जिला संघ को खिलाड़ियों की दस्तावेज की जांच नही करनी चाहिए,यह सब जिला स्तर से ही होता है,क्योकि खिलाड़ी सबसे पहले जिला से रजिस्ट्रेशन करबाते है।