Home Bihar पढ़े वर्त्तमान मीडिया कमिटी के संयोजक व बिहार के पूर्व क्रिकेटर रहे कृष्णा पटेल कि रोचक कहानी?

पढ़े वर्त्तमान मीडिया कमिटी के संयोजक व बिहार के पूर्व क्रिकेटर रहे कृष्णा पटेल कि रोचक कहानी?

by Khelbihar.com

खेलबिहार न्यूज़

पटना 2 जून: आज मैं एक ऐसे व्यक्तित्व और पूर्व क्रिकेटर के बारे में चर्चा करने जा रहा हूं। जिन्होंने कड़ी मेहनत और लगन के साथ अपने सिद्धांतों पर चलकर 28 वर्षीय इस पूर्व खिलाड़ी ने कई छोटी-मोटी उपलब्धियां हासिल कर चुके हैं। वह है वर्तमान बीसीए मीडिया कमेटी के संयोजक कृष्णा पटेल जो नालंदा के लाल हैं।


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जिनका जन्म मध्यमवर्गीय परिवार में 12 अगस्त 1992 को नालंदा जिला के सरजमीं पर हुई।
लेकिन इनका पूरा शिक्षा -दीक्षा बिहार की राजधानी पटना में हुई।चार भाइयों और तीन बहनों में सबसे छोटे होने के नाते ये अपने माता- पिता और भाई- बहनों के सबसे अधिक दुलारे हैं।
इनके पिताजी का ट्रांसपोर्टिंग बिजनेस था। जिसमें इनका अपना ट्रक चला करता था।
जबकि बड़े भाई सुपर-30 रसायन शास्त्र के पूर्व में गेस्ट फैकेल्टी थे और एक अपना शैक्षणिक संस्थान जो Pragati Med-Jee जी के नाम से भूतनाथ रोड में स्थित है। जिसमें खुद कृष्णा पटेल ने भी शिक्षा दीक्षा प्राप्त की है।जबकि दूसरे भाई स्वास्थ्य विभाग के कर्मी हैं और इनके तीसरे भाई एक दंत चिकित्सक हैं।

इनका कहना है कि हमारे बड़े भाई सिर्फ मेरे भाई ही नहीं बल्कि हमारे गुरु भी हैं।
जिन्होंने हमें उचित शिक्षा -दीक्षा देकर इस काबिल बनाया कि आज मैं अपने समाज के बीच में एक छोटी -मोटी पहचान बनाने में सक्षम हूं।हालांकि हमें इस बात की मलाल है और क्षमा भी चाहता हूं की मैं अपने बड़े भाई और माता -पिता श्री जी के सपनों को साकार नहीं कर सका।
इनका सपना था कि मैं एक डॉक्टर बनूं।क्योंकि हमारे बड़े भाई गुरु होने के नाते हमारे शैक्षणिक प्रतिभा से संतुष्ट थे और उन्हें उम्मीद थी कि मैं एक सफल डॉक्टर बन सकता हूं । जिसकी चर्चा हमेशा माता- पिता श्री से क्या करते थे।माता सरस्वती की कृपा से मैं साइंस विषय में विशेष रूचि रखता था और पढ़ने- लिखने में भी अव्वल हुआ करता था।


मेडिकल की कई प्रतियोगी परीक्षाओं में मैं प्रथम चरण की परीक्षा पास की है।
लेकिन क्रिकेट प्रेमी और खिलाड़ी होने के नाते हमें हमेशा पढ़ाई से ज्यादा खेल से प्यार हुआ करता था और खेल मेरे रग-रग में बसता है।जिसके कारण मैं मेडिकल की फाइनल परीक्षाओं में सफल होने योग्य पढ़ाई करने में किसी न किसी प्रकार से असफल रहा और अपने गुरु बड़े भाई और माता- पिता श्री जी के सपनों को पूरा ना कर सका।
लेकिन मैं हमेशा अपने- आपको पढ़ाई से जोड़कर रखा और हमेशा सभी बोर्ड परीक्षाओं में प्रथम श्रेणी से पास की है।

जिनका उच्च स्तरीय शिक्षा -दीक्षा राजधानी के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में से एक कॉलेज ऑफ कॉमर्स ,पटना में हुई है।जो मगध विश्वविद्यालय के अंगीभूत इकाइयों में से एक है।
इन्होंने सत्र 2010 से 2013 में हिंदी साहित्य से स्नातक की पढ़ाई की और इसकी परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास भी किया।सत्र 2013 -15 में इन्होंने हिंदी साहित्य से हीं स्नातकोत्तर की पढ़ाई की और स्नातकोत्तर की परीक्षा भी प्रथम श्रेणी से पास किया।


जबकि अतिरिक्त विषयों की पढ़ाई करने के रूप में इन्होंने पत्रकारिता से डिप्लोमा और एडवांस डिप्लोमा की पढ़ाई की और A- ग्रेड प्राप्त किया।इतने पर भी इनका इच्छा नहीं भरा तो इन्होंने पत्रकारिता में भी स्नातकोत्तर की पढ़ाई नालंदा खुला विश्वविद्यालय से की और इसमें भी इन्होंने प्रथम श्रेणी से परीक्षा पास कर लिया।अपने छात्र जीवन में कई उतार-चढ़ाव झेलने वाले इस विद्यार्थी और पूर्व क्रिकेटर ने क्रिकेट के क्षेत्र में भी कई उपलब्धियां हासिल की है।


जिसमें 2008 और 2009 में इन्होंने अपने गृह नालंदा जिला से सीके नायडू का प्रतिनिधित्व किया।
जबकि 2010 में इन्होंने पटना जिला से सी के नायडू का प्रतिनिधित्व किया।
वहीं उस दरमियान बीसीसीआई से मान्यता की लड़ाई लड़ रहे बीसीए की मार झेल रहे बिहारी क्रिकेटरों में शामिल इस खिलाड़ी ने अपनी प्रतिभा के दम पर “ईस्ट जोन अंतर विश्वविद्यालय क्रिकेट टूर्नामेंट” में स्नातक और स्नातकोत्तर सत्र में 2010 से 2015 में इन्होंने लगातार 5 (पांच) सत्र में मगध विश्वविद्यालय का नेतृत्व और प्रतिनिधित्व किया।


अफसोस की क्रिकेट के क्षेत्र में भी जो उनका सपना था वह पूरा नहीं हो सका।
लेकिन आज इस विश्वास के साथ बच्चों को सरदार पटेल क्रिकेट अकैडमी के बैनर तले बच्चों को प्रशिक्षित कर रहे हैं और क्रिकेट का गुर सिखा रहे हैं कि इसमें से कोई भी खिलाड़ी देश प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर मेरे सपनों को साकार करें।इनके छात्र जीवन में इनका नाम एक अनुशासित छात्रों में की जाती है। क्योंकि ये सभी प्राध्यापकों, शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के प्रिय छात्र हुआ करते थे।
अपने सरल, सहज, समाजिक और मिलन शायर प्रवृत्ति के कारण ये महाविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों के भी प्रिय हुआ करते थे।


इन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना में अपना अहम योगदान देते हुए महाविद्यालय और विश्वविद्यालय स्तर पर भी परचम लहराया और ऑल इंडिया यूथ फेस्टिवल में बिहार का प्रतिनिधित्व भी किया है।
अपने छात्र जीवन में छात्र-छात्राओं को विभिन्न प्रकार से सहयोग करते हुए।
इन्होंने छात्र राजनीति की शुरुआत की जिसमें कभी एआईएसएफ के कद्दावर छात्र नेता के रूप में गिने जाते थे। जिनका सहयोगी जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष छात्र नेता कन्हैया कुमार, विश्वजीत कुमार, सुशील कुमार, अशोक कुमार प्रसाद, तार इंद्र किशोर, महेश रजक, अभिषेक आनंद हुआ करते थे।


जबकि 2010 से नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड, बिहार प्रदेश से सदस्यता प्राप्त कर छात्र प्रकोष्ठ में छात्र जनता दल यूनाइटेड के वर्तमान में प्रदेश उपाध्यक्ष हैं।
अपनी दूसरी पारी की शुरुआत करते हुए अंकिता पटेल के साथ परिणय सूत्र में बंधे और आज इनके दो छोटे-छोटे बच्चे जिनका नाम पुत्री कृतिका 3 वर्ष और पुत्र कार्तिक 1 वर्ष का है।
खिलाड़ियों के हित में हमेशा आवाज बुलंद करने वाले और कई आंदोलन करने वाले छात्र नेता व पूर्व क्रिकेटर ने बीसीए को बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त होने के बाद आंदोलन पर विराम लगाते हुए।
खेल और खिलाड़ियों के हित में बीसीए का निस्वार्थ भाव से सहयोग करते रहे और पूर्व में कभी बीसीए मीडिया कमेटी के सदस्य रहे ।


यह खिलाड़ी आज बीसीए मीडिया कमेटी के संयोजक के रूप में निस्वार्थ भाव से कार्य कर रहे हैं।
अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि वो लम्हा हमेशा बेहद यादगार रहेगा।
जो अपने विभिन्न प्रकार के क्रिकेट मैचों खेलने के दिनों में किया करता था।
जिसमें कई यादगार पल है जो मेरे द्वारा बेहतर खेल प्रदर्शन के रूप में प्रदर्शित किया गया था ।
एक जाने-माने खेल आयोजक श्री संतोष कुमार तिवारी का जिक्र करते हुए बताया कि बिहार में जब क्रिकेट का बुरा दौर चल रहा था । तो उस विकट दौर में भी इन्होंने खिलाड़ियों के लिए सजीवन बूटी का काम किया और हमेशा खिलाड़ियों को उत्साहित करते हुए। निरंतर विभिन्न प्रकार के प्राइवेट टूर्नामेंटों का आयोजन कराते रहे।


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जिससे बिहार में क्रिकेट एक जीवट खेल के रूप में हमेशा खेला गया और खिलाड़ी ऊर्जावान रहे।
बिहार क्रिकेट में इनके द्वारा दिए गए योगदान को मैं आजीवन कतई नहीं भुला सकता।
इनके द्वारा आयोजित अनगिनत टूर्नामेंटों में मैं खेला और विजेता व उपविजेता रहा हूं।
धन्यवाद।

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