Home Bihar संजय सिंह BCCI अध्यक्ष से नही किया था कोई बात,लोगो के बीच भ्रम फैला रहे है:-आदित्य वर्मा(सचिव सीएबी)

संजय सिंह BCCI अध्यक्ष से नही किया था कोई बात,लोगो के बीच भ्रम फैला रहे है:-आदित्य वर्मा(सचिव सीएबी)

by Khelbihar.com

खेलबिहार न्यूज़

पटना 0 5 जमूलाई : सीएबी के सचिव आदित्य वर्मा ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि बीसीए अध्यक्ष के इशारे पर एक जिला क्रिकेट संघ के सचिव व बीसीए जिला संघों के प्रतिनिधि संजय कुमार सिंह ने बीसीसीआई के अध्यक्ष पद के कुर्सी के गारिमा को धुमिल करने का असफल प्रयास करने का काम किया था ।

कुछ दिन पहले पटना बिहार के एक बड़े खेल पोर्टल खेलबिहार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि बीसीसीआई के अध्यक्ष से फोन पर 10 मिनट तक बिहार क्रिकेट के उपर बहुत चर्चा किया सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक यह है कि बिहार क्रिकेट संघ के अधिकारियों के बीच चल रही विवाद की पुरी कहानी बीसीसीआई को पता है लेकिन उसके बाद भी बिहार क्रिकेट के आपसी लड़ाई में एक सोची समझी साजिश के तहत बीसीए के अध्यक्ष के इशारे पर ओछी हरकत कर बिहार क्रिकेट के नाम को खराब करने का काम किया गया ।

यह अत्यंत हि निंदनीय है मिडीया मे यह न्यूज आने के बाद 10 मिनट के अंदर बीसीसीआई के अध्यक्ष को जब यह जानकारी दिया गया उन्होने मुझे मैसेज भेज कर सुचित कर दिया था कि यह गलत है मेरी किसी से कोई बात नही हुई है, चुकी यह वाटसऐप पर मैसेज मिला था इसीलिए मै बीसीसीआई के अध्यक्ष पद के गारिमा का ख्याल रखते हुए चुप चाप रहा। ।

मैने बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरूण ठाकुर जी से भी बात चीत कर यह पुछा की बीसीसीआई अगली ग्रांट राशि बिहार क्रिकेट संघ को कब तक दे रहा है क्योकि बिहार मे यह न्यूज आ रहा है कि बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष से आपकी इस मुद्दे पर बातचीत हो चूका है । पुरी बात सुनने के पश्चात अरूण ठाकुर जी ने कहा कि पहले मै क्लियर कर दू कि बिहार क्रिकेट से जुड़े मामले को बीसीसीआई के अध्यक्ष खुद देख रहे है उनका जो भी निर्णय होगा वही फायनल होगा ।

यह बात आप भी जानते है फिर मै कौन होता हूँ जो बिहार क्रिकेट के अध्यक्ष को कोई बात बोल दू मेरी कोई भी बात चीत नही हुई है आपसे हि बिहार क्रिकेट के उपर कभी कभी बात चीत होती है ।
मेरा सीधा सवाल है क्या बीसीए के एक ग्रूप के सम्मानित सदस्यों का मानसिक संतुलन बिगड़ता जा रहा है कि बीसीसीआई के अध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष को भी पार्टी बना कर खुद तगमा मुफ्त मे ले कर बिहार के क्रिकेटरो के बीच मे एक भ्रम फैला रहे है ।

कभी मोदी जी के सर्जीकल स्टराईक से तुलना कर दे रहे है बिहार क्रिकेट संघ के ऑफिस का ताला तोड़ कर कागजात सहित अन्य समान उठा लिया जा रहा है, शर्म आती है मिडिया मे यह पढ कर । यह एक बड़ा प्रश्न है कि बिहार क्रिकेट संघ का निबंधनीत ऑफिस का ताला तोड़ दिया जा रहा है इस पर सचिव को चाहिए कि अविलम्ब एफआईआऱ दर्ज कर दोषियों को गिरफ्तार किया जाए । यह बिहार क्रिकेट के अस्मिता से जुड़ा मामला है । सचिव अगर डर रहा है तो बिहार क्रिकेट एसोसियेसन के पद पर रहने के काबिल नही है ।


अंत मे इतना ही कहुँगा कि बीसीसीआई से लड़ने का काम 17 साल पहले शुरू किया था आज कुछ बरसाती मेंढक बिहार के क्रिकेटरो के हक के लिए मैने जो लड़ाई लड़ी उसे मेरे फायदा से जोड़ने की बात करते है । खुद शीशे के महलो मे रहने वाले मुर्ख यह भुल जाते है कि दूसरे के किराए के झोपड़ी पर पत्थर मारेगे तो नुकसान उनको भी उठाना पड़ सकता है ।यह तय है कि बीसीसीआई बिहार के मामले पर जल्द हि चौकाने वाला फैसला सुरक्षित रखा है ।

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