Home राष्ट्रीय भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर के 72वीं जन्मदिन पर दिलचस्प कहानी

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर के 72वीं जन्मदिन पर दिलचस्प कहानी

by Khelbihar.com

खेलबिहार न्यूज़

नागपुर 10 जुलाई: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर के जन्मदिन पर पढ़े दिलचस्प कहानी वरीय पत्रकार बिपेंद्र सिंह के कलम से लिखी कहानी “आई हैव ए photo विथ यू सर’‘ओ..श्योर..’फिर सुनील गावस्कर मेरी बगल में खड़े हो गए और मैंने उनके साथ इत्मीनान photoली.

बड़ा दिलचस्प लम्हा था वह. पिछले साल नवंबर में भारत-बांग्लादेश टी-20 मुकाबले के लिए कमेंटेटर की हैसियत से जामठा के वीसीए स्टेडियम पहुंचे गावस्कर प्रेस बॉक्स में लगाई गई बीते जमाने के दिग्गज क्रिकेटरों की एक तस्वीर को बड़े गौर से निहार रहे थे. मेरी निगाह उन पर पड़ी. लैपटॉप पर जारी अपने काम को थोड़ा विराम देकर मैं हड़बड़ी में उन तक पहुंचा और सेल्फी की गुजारिश की. वे राजी हुए.

आज भारत के इसी महान सलामी बल्लेबाज का 72वां जन्मदिन है..हैप्पी बर्थ डे..लिटल मास्टर. जो सनी मेरे लिए हमेशा हीरो रहे उनके साथ मेरी फोटो..मैंने तो कभी सोचा भी नहीं था. वीसीए में ही उनसे रू-ब-रू होने का यह तीसरा अवसर था. 2012 में भारत-इंग्लैंड टेस्ट मैच के शायद तीसरे दिन जामठा स्टेडियम में प्रेस बॉक्स की सीढ़ियों पर पहली बार उन्हें करीब से देखा. साथ-साथ ही हम प्रेस बॉक्स की ओर बढ़ रहे थे.

मैंने उन्हें हैलो कहा. फिर हिंदी में ही पूछा, ‘सर मैच का नतीजा क्या हो सकता है?’ गावस्कर ने कहा, ‘कह पाना मुश्किल है.’ एक-दो सवाल मैंने और किए. उन्होंने संक्षेप में जवाब दिए. दूसरा अवसर था 2017 रांची मे भारत-३सट्रलियाा टेस्ट मैच का. मैच नीरस हो चला था. प्रेस बॉक्स में गावस्कर ने करीब आधा घंटा बिताया. गावस्कर के पास इतने किस्से हैं कि कह पाना मुश्किल है. किस्सों का पिटारा खुला तो मजा आने लगा. विशुद्ध मराठी में वे बात कर रहे थे.

एक बात और..गावस्कर की अभिव्यक्ति का अंदाज इतना दिलकश है कि लगता ही नहीं किसी दिग्गज खिलाड़ी से आप बात कर रहे हैं. बातों-बातों में गावस्कर ने यह भी बता दिया कि वे अब तक उस ‘फ्रेंच रोज’ को नहीं भूले जिसे उन्होंने सबसे पहले पत्नी मार्शनील को दिया था. उनका पहला वेस्टइंडीज दौरा, कैरीबियाई क्रिकेटरों के मिजाज, इंग्लैंड में सामने से फटी पतलून के साथ क्रीज पर उतरना आदि कई किस्से सुनाकर गावस्कर ने पत्रकारों का भरपूर मनोरंजन किया.

नागपुरी संतरों को यद करने से भी वे नहीं चूके. अगले दिन मेरे सहयोगी नीलेश देशपांडे ने गावस्कर को नागपुरी संतरों का तोहफा भी दिया. इस उम्र में भी गावस्कर की फुर्ती, तेजी तारीफ-ए-काबिल है. उन्हें क्रिकेट को विदा कहे तीन दशक बीत चुके हैं लेकिन उनकी फिटनेस का कोई जवाब नहीं है.

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