Home Bihar बिहार क्रिकेट मे बदलाव लाना चाहते हैं बीसीए सचिव संजय कुमार मंटु।

बिहार क्रिकेट मे बदलाव लाना चाहते हैं बीसीए सचिव संजय कुमार मंटु।

by Khelbihar.com

खेलबिहार न्यूज़

पटना 15 जून: बिहार क्रिकेट जगत मे बीसीए अध्यक्ष तथा सचिव के बिच खींचतान की बातें तो ख़ुब हो रही हैं परंतु किसी क्रिकेट प्रेमी , शुभचिंतक और खिलाड़यों को इस बात की जरा भी चिंता या सोंच नही है के दोनो मे खींचतान क्युं हो रही , सचिव की क्या सोंच है और अध्यक्ष के गुट की क्या सोंच हैं।
मै मो अरसद जेन इन ही बातो पर तथ्यों और अपने ईमानदार साथियों के साथ बात करके छानबीन के बाद आज खेलबिहार के माध्यम से बिहारे के सभी क्रिकेट प्रेमियों, शुभचिंतकों , खिलाडियों तथा हर उस इंसान के सामने अपनी बात रख रहा हुं जो किसी भी रुप मे बिहार के क्रिकेट से जुड़े हैं और बिहार के क्रिकेट तथा क्रिकेटरों का भविष्य उज्जवल देखना चाहते हैं भारत के क्रिकेट जगत मे सब से आगे देखना चाहते हैं।

बीसीए के चुनाव के बाद नये अध्यक्ष राकेश तिवारी जी तथा सचिव संजय कुमार मंटु जी बिहार क्रिकेट को आगे लेजाने के लिए जीतकर आए हैं…मै पहले कह देना चाहता हुं के मैं पिछे की कोई बात नही करना चाहता मैं सिर्फ और सिर्फ अध्यक्ष तथा सचिव के गुट तथा दोनो के क्रिकेट की सोंच मे अंतर की बात यहाँ करने जा रहा हुं।

बिहार क्रिकेट का एक गौरवशाली और बहोत पुराना इतिहास रहा है जिसमे बहौत सारे बीसीए के पदाधिकारियों ने बिहार क्रिकेट को चलाया है पऱतु दिसंबर 2019 मे जो बिहार क्रिकेट एसोसिएशन का चुनाव हुआ जिस मे जिस से अध्यक्ष राकेश तिवारी तथा सचिव संजय कुमार मंटु जीतकर आए । इस चुनाव मे वही सब हुआ जो हमेशा होता आया है जीतने के लिए पद, पैसा और गुटबाज़ी का खेल यहाँ भी हुआ था। जहाँ तक मैंने पड़ताल की है तो बीसीए के चुनाव मे तीन गुट काम कर रहे थे एक गुट था अजय नारायण शर्मा (पुर्व सचिव), निरज रठौर तथा आनंद कुमार (पुर्व कोषाध्यक्ष) जी का।दुसरा गुट था सुबीर मिश्रा ( मधुबनी सचिव) जी का तथा तीसरा गुट था पुर्व सचिव रविशंकर प्रसाद सिंह जी का ।

बाद मे पहला और दुसरा गुट एक हो गया जिसकी सहायता से रकेश तिवारी जी अध्यक्ष बन गये परंतु एक गलती के कारण सचिव पद पर इनके गुट की महिला प्रत्याशी का नॉमनेशन रद्द होने के कारण तिसरे गुट मतलब रविशंकर सिंह जी की तरफ से बीसीए सचिव पद के उम्मीदवार संजय कुमार मंटु निर्विरोध सचिव पद जीत गये।


तो इस तरह बिहार क्रिकेट एसोसिएशन मे फिर से तीनो गुटों की शक्ति काम करने लगी जहाँ अध्यक्ष राकेश तिवारी जी को क्रिकेट का कोई ज्ञान न होने के कारण पहला तथा दुसरा गुट मिलकर जैसा कहता रहा वो चलते रहे वहीं तीसरे गुट ने सचिव संजय कुमार मंटु को जो बोलता गया सचिव महोदय वैसा करते गये क्युकी बीसीए की तथा क्रिकेटर के बारिकियों की ज्यदा जानकारी सचिव महोदय को नही थी तथा सचिव महोदय का पुत्र एक अच्छा क्रिकेटर होने के बावजूद क्रिकेट मे अभी ज्यादा आगे नही जा पाया था परंतु मौका मिलने पर सचिव पुत्र ने खुद को सबित करने का काम किया और एक अच्छे खिलाड़ी होने का प्रमाण अपने प्रदर्शन से देने का काम किया है।

चुंकी चुनवा के तुरंत बाद बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को सभी जिम्मेदारी देखनी पड़ी और रणजी से लेकर जुनियर स्तर के बोर्ड ट्राफी की टीमो का चयन करना पड़ा इसलिए उस समय राजनीति न करते हुए सभी गुट ने अपने- अपने काम पर ध्यान देते हुए क्रिकेट टीम मे अपने खिलाड़ियों के चयन पर ध्यान देने का काम किया था।

जब सारे टुर्नामेंट खत्म हो गये, सबने अपनी मनमानी करली और सचिव महोदय के पुत्र ने सिनियर टीम मे अच्छा प्रदर्शन करके खुद को सबित करने का काम किया फिर शुरु हुआ बिहार क्रिकेट तथा बीसीए मे अपनी मनमानी तथा अपने गुट का कब्जा बीसीए पर कायम करने का खेल।

जहाँ तक मैने अपने ईमानदार क्रिकेटर और क्रिकेट जगत के पदाधिकारियों से इस बारे मे बात किया तो मुझे यही पता लगा के पहला गुट अध्यक्ष को अपने ईशारों पर नचा रहा है दुसरा गुट मतलब सुबीर मिश्रा गुट चुनाव के बाद आज़ाद होकर जुनियर स्तर पर अपनी मनमानी करने लगा है उसे ज्यादा राजनीति नही करनी है बस रामविलास पासवान बनकर सत्ता भोगना और माल कमाना है ।
दिक्कत आगयी थी तिसरे गुट मे मतलब पुर्व सचिव रविशंकर सिंह जी के गुट मे क्युं रविशंकर सिंह जी ने सचिव संजय कुमार मंटु जी को इसलिए सचिव बनाया था के जो कहुंगा वो करेगा मगर वर्तमान बीसीए सचिव संजय कुमार मंटु एक क्रिकेट प्रेमी निकले और गुटबाजी छोड़कर बिहार क्रिकेट को आगे लेजाने की नियत से खुद निर्णय लेने लगे तथा बिहार क्रिकेट तथा क्रिकेटरों के भविष्य को उँचाइयों पर ले जाने के लिए एक प्लानिंग करने लगे सोंचने लगे जिसका नतिजा ये हुआ के तिसरे गुट के लोगों को वो बुरे लगने लगे नतिजा ये हुआ के सचिव संजय मंटु का अपना गुट भी उनको हटाने की शाजिश रचने लगा।
जिसका नतिजा है की तीनो गुट एक होकर तीन दिन पहले पटना मे बीसीए के एक पदाधिकारी के घर पर गुपचुप मिटिंग कर चुके हैं और सब ने अपना अपना विभाग बाँट लिया है और जिसपर अंदर ही अंदर अध्यक्ष राकेश तिवारी गुट की देख रेख मे कार्य किया जा रहा है।

अब मैं यहाँ साफ कर देना चाहता हुं के बीसीए के वर्तमान सचिव संजय कुमार मंटु बिहार क्रिकेट तथा बिहार के क्रिकेटरों के भविष्य के लिए सोंच रखते हैं वहीं बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी जी के पास न बिहार क्रिकेट या क्रिकेटरों के लिए कोई सोंच है न प्लान है हाँ अध्यक्ष महोदय को गुटबाजी करने वाले बिहार क्रिकेट को दिमक की तरह खोखला कर देने वाले क्रिकेट के माफिया जो कहते हैं वो असंवैधानिक रुप से वही कर रहे हैं।

जब मुझे सचिव की क्रिकेट के प्रति अच्छी सोंच का पता चला तो मैने बीसीए सचिव संजय कुमार मंटु जी से फोन पर बात की और पहले उनको धन्यवाद दिया और बिहार क्रिकेट के लिए उनके आगे की रणनीति के बारे मे पुछा तो उनहो ने साफ लफज़ो मे कहा की मै बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के उन सभी जिला संघों से मदद चाहता जो ईमानदारी से बिहार क्रिकेट तथा बिहार के बच्चों के भविष्य के लिए गुटबाज़ी से निकल कर अच्छा काम करना चाहते हैं और सचिव संजय मंटु ने बताया के उन्होंने जिले से लेकर राज्य तक के खिलाडिय़ों के चयन के लिए एक कमीटी बनाकर खिलाड़ियों के प्रदर्शन के आधार पर चयन करने का एक खाका तैयार किया है जिस से की खिलाड़ी अपने खेल का उतना प्रदर्शन करते ही अपने आप राज्य की टीम के चयन कैम्प के लिए क्वालीफाई कर लेगा उसको बीसीए खुद उसके प्रदर्शन के आधार पर कैम्प मे बुला लेगा।


कोच, अम्पायर, पिच क्वेरेटर से लेकर क्रिकेट से जुड़े सभी.विभाग के लिए एक मास्टर प्लान पर सचिव संजय कुमार काम कर रहे हैं मगर आज़ाद होकर न की क्रिकेट के माफियाओं के चंगुल मे रहकर।
बीसीए सचिव संजय मंटु ये भी चाहने लगे थे की बीसीए से जुडा़ प्रत्येक संघ बिहार क्रिकेट और क्रिकेटरों के भविष्य को एकजुट होकर संवारने का काम करे जो क्रिकेट के माफिया बिहार क्रिकेट मे जिला संघो को अपने कब्जे मे करके बीसीए को अपने कब्जे मे रखना चाहते हैं उनको बिहार के क्रिकेट से निकाल फेंका जाए और बस इसी सोंच के कारण बिहार क्रिकेट से जुड़े बड़े बड़े.माफिया सचिव संजय कुमार.मंटु को पद से.हटाने और क्रिकेट से उनके पॉवर को कम करने की रणनीति करने लगे आज ये हाल है के सभी गुटबाज़ माफिया एक हो गये हैं और सचिव संजय मंटु को असंवैधानिक रुप से पद से हटा दिया है।

मैं मो अरसद जेन बिहार क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़े सभी ईमानदार जिला क्रिकेट संघों से विनर्म विनती करता हुं के आपलोग बिहार क्रिकेट की भलाई के लिए सचिव संजय कुमार मंटु का साथ देने के लिए एकजुट हों और सचिव संजय मंटु से सम्पर्क करके बिहार के क्रिकेट को आगे लेजाने के लिए बीसीए के माफियाओं का विरोध करें उनको सबक सिखाने का काम करें।बिहार का हर प्रतिभावान क्रिकेटर हमारे बच्चे जैसा है उनके भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए कृप्या सच का साथ दें और अगर किसी भी रुप मे मेरी आवश्यक लगे तो मुझे भी कार्य करने का मौका दें मै वादा करता हुं मुझे न कोई पद , न कोई तंख्वाह और न ही कुछ और चीज़ चाहिए मै निस्वार्थ बिहार क्रिकेट तथा बिहार के होनहार क्रिकेटर बच्च़ो के लिए आप लोगों के साथ रहुंगा।

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