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ओलंपिक रजत पदक विजेता सिंधु ने स्विट्जरलैंड के बासेल में रविवार को जापान की नोजोमी ओकुहारा को 21-7, 21-7 से हराकर खिताब जीता।सिंधु जब सोमवार को राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद के साथ हवाई अड्डे पर पहुंची तो लोगों ने उन्हें घेर लिया।
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व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद सिंधू ने सहनशीलता दिखायी। इस 24 वर्षीय खिलाड़ी के चेहरे पर मुस्कान थी तथा उन्होंने हवाई अड्डे पर मौजूद समर्थकों और मीडिया को पूरी तवज्जो दी। सिंधू से एक साथ कई सवाल पूछे गये, उन्होंने कहा, ‘‘मैं वास्तव में खुश हूं। मुझे अपने देश पर बहुत गर्व है। इस जीत का लंबे समय से इंतजार था और मैं इससे बहुत खुश हूं।’’इस हैदराबादी को विश्व चैंपियन बनने के बाद विश्राम का कम समय मिला।
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आज वह खेल मंत्री किरन रिजिजू से मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने जाएंगी। सिंधु से पूछा गया कि अब ओलंपिक में एक साल से भी कम समय रह गया है तब उनकी क्या योजनाएं हैं, उन्होंने कहा, ‘‘मैं कड़ी मेहनत करूंगी और अधिक से अधिक पदक जीतने की कोशिश करूंगी।’’सिंधु ने पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान भावुक पलों को भी बयां किया। जब राष्ट्रगान बज रहा था तो उनकी आंखों में आंसू छलक आये थे।
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वह इससे पहले विश्व चैंपियनशिप में दो बार रजत और दो बार कांस्य पदक जीत चुकी थी।उन्होंने कहा, ‘‘मेरे आंसू निकल आये और भावनाएं मुझ पर हावी थी। यह मेरे लिये शानदार क्षण था। मेरे सभी प्रशंसकों का आभार। आपकी दुआओं से ही यह संभव हो पाया।
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मैं अपने कोच गोपी सर और किम (जी ह्यून) का आभार व्यक्त करना चाहूंगी। उन्होंने काफी प्रयास किये और मेरे खेल में कुछ बदलाव किये।’’ दक्षिण कोरिया की पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी किम इस साल के शुरू में गोपीचंद की सिफारिश पर कोचिंग स्टाफ से जुड़ी थी।