Home Bihar सुपौल जिला क्रिकेट संघ के सचिव ने बीसीए अध्यक्ष के काम पर उठाए सवाल व बैंक खाते निकासी पर मंगा जबाब।

सुपौल जिला क्रिकेट संघ के सचिव ने बीसीए अध्यक्ष के काम पर उठाए सवाल व बैंक खाते निकासी पर मंगा जबाब।

by Khelbihar.com

खेलबिहार. कॉम न्यूज़

पटना: सुपौल जिला क्रिकेट संघ के सचिव शशिभूषण सिंह ने अध्यक्ष को पत्र लिखकर उनके कार्यों का जवाब मांगा है और साथ ही साथ बैंक खाता निकासी पर रोक लगना अध्यक्ष महोदय के ऊपर सवाल भी उठाया है। इससे लगता है भले ही कोरोना ने खेल में बाधा डाल दिया लेकिन बिहार क्रिकेट की राजनीति में गर्माहट अभी भी है।शशि भूषण सिंह ने कहा है कि बीसीए से जुड़े सभी जिलों को अध्यक्ष पर भरोसा नहीं रहा.

अपने पत्र में श्री सिंह ने लिखा है” सेवा में अध्यक्ष महोदय बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ( बीसीए ) , पटना विषय : बिहार क्रिकेट संघ के खाते में जमा राशि का उपयोग , राज्य में क्रिकेटीय ढांचा को सुदृढ़ करने एवं अति आवश्यक कार्यों में करने हेतू विनम्र आग्रह सह सुझाव ।

द्रष्टव्य : 29 सितम्बर 2019 के बाद से अब तक हुई गतिविधि और आपके द्वारा उठाये गए कदमों पर एक समीक्षात्मक टिप्पणी . महोदय , आग्रह पूर्वक सूचित हो की बीसीए के बैंक खाते में जमा राशि जो की बीसीसीआई से प्राप्त हुआ है , उसके उपयोग की प्रक्रिया जो समक्ष हो रही है वो कहीं से भी सुकून देने वाली नही है।

इस सम्बन्ध में कई जिला संघो के सचिव और अध्यक्ष महोदय से भी मेरी वार्ता हुई, सबकी यही चिंता है की जो दिख रहा है या सुना जा रहा है, अगर उसी प्रकार से कार्य हुआ तो इसे बीसीसीआई से प्राप्त राशि की फिजूलखर्ची के अलावा और कुछ नहीं होगा। इसके स्थान पर राज्य में क्रिकेटियंत्रा को मजबूत करने में राशि को खर्च किया गया, और उसी कार्य किए गए जो अतिआवश्यक हो। अन्य ऐसे खर्चे जिनसे किये बगैर बहुत कम चल सकता है। 29 सितंबर 20 19 को संपन्न हए चव में आप अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हए, और आप सहित छह पदों पर हुई जीत के बाद नई कार्यकारिणी को बीसीए के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत करने का अवसर प्राप्त हुआ।

लेकिन जिस प्रकार से आपने स्वयं को मिले अवसरों का दुरुपयोग किया या अपने लोगो को उपकृत करने का संदेश दिया वो बिहार क्रिकेट से सम्बद्ध सभी जिला के पदाधिकारियों के समझ में आ गया है। आपके अध्यक्ष बनने पर बिहार में क्रिकेट से जुड़े सभी व्यक्तियों को एक उम्मीद जगी थी की आप कुछ लीक से हटकर कार्य करेंगे, जिसका प्रभाव बिहार क्रिकेट के विकास के रूप में हम, लेकिन क्या आप बता सकते है की आपने बीसीए के बेहतरी के लिए क्या किया कदम उठाया?

ऐसा क्या किया जो बिहार क्रिकेट को एक गति प्रदान करता है आपके नेतृत्व में बीसीए में जिस प्रकार से कार्य से बचने के लिए खाका खींचा जा रहा है, रुपयों के बन्दर बांट करने का प्रयास किया जा रहा है, वह काफी निंदनीय है। आपकी आपके नेतृत्व में जिस प्रकार से असंवैधानिक रूप से कार्य निकास के लिए जो प्रक्रिया गयी है उसकी ओर से भी आपका ध्यान आकृष्ट करना आवश्यक प्रतीत होता है:

1. पिछले सत्र (2018 – 19) में बीसीए द्वारा यू – 23 आयु वर्ग के खिलाडियों के लिए जोनल प्रक्रिया आयोजित की गयी थी जिसमें मुख्य चयन कर्ता को 15 000, सहायक चयन कर्ता को 10 000 और स्थानीय पर्वेक्षक को 2500 और डीए के भुगतान का भुगतान करना था। का निर्धारण किया गया था, इसका भगतान अब तक नहीं हआ। आखिर क्यों? , क्या आपने पुराने कमेटी के द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा की? इस प्रकार के कई मामले हैं जो दबे हुए हैं, इस ओर किसी का ध्यान नहीं है।

  1. पूर्व की कमेटी के ए जी एम में लोकपाल को भुगतान के लिए एक लाख पच्चीस हजार रुपये प्रति माह तय हुआ था, जिसका अनुमोदन बीसीसीआई के द्वारा कर उसका भुगतान किया गया, फिर आपने व्यक्तिगत रूप से रूचि लेकर लोकपाल के वेतन पर तीन लाख किया और उच्य न्यायालय के द्वारा उक्त लोकपाल की नुयुक्ति को सार्थक मानते हुए कार्य पर रोक लगाने के वाव की जानकारी आपने तीन महीने का 9 लाख रुपयों का भुगतान कर दिया, आखिर क्यों?

3 . बीसीसीआई के द्वारा आयोजित मैचों में हिस्सा लेने वाले खिलाडियों का इनवाइस अब तक बीसीसीआई नहीं भेजा गया , लेकिन ठीक इसके बिपरीत अजीबोगरीब निर्णय लिए जा रहे है , आखिर क्यों ?

जैसे :

1 . बीसीए के लिए अधिवक्ताओं की फ़ौज रखी रखी जा रही है , क्या बीसीसीआई से लोकपाल और अधिवक्ताओं पर हीं खर्च करने के लिए राशि दी गयी है ? क्या बिहार में क्रिकेट मैदानों के बजाय अदालत में हीं खेले जाने की योजना पर कार्य हो रहा है ?

2 . क्या अध्यक्ष सहित सभी सदस्यों के लिए आप्त सचिवों की नियुक्ति जायज है ? विशेष लोगों के ठहरने के लिए पच्चीस हजार रूपये मासिक किराये पर पटना में मकान लेना बिहार क्रिकेट के लिए कहाँ तक जायज है ? इतना ही नहीं जो सूचना मिल रही है , उसके अनुसार अनेक पदों का सृजन कर उसपर प्रति वर्ष कड़ोरो रुए खर्च करने की आपकी योजना है . मुझे तो लगता है की कमेटी ऑफ़ मैनेजमेंट के अन्य सभी लोगों को भी आपके योजना की जानकारी तब हीं मिलती है , जब उसका क्रियान्वयन हो जाता होगा , क्योकि कमेटी ऑफ़ मैनेजमेंट में ऐसे भी सदस्य हैं , जिन्होंने काफी विकट परिस्थियों में बिहार में क्रिकेट को जीवित रखा है ।

3 . अभी आपने अम्पायरों के सन्दर्भ में के अध्यादेश जारी करवाया है , इस सम्बन्ध में यह कहना चाहूँगा की पिछले सत्र में बीसीसीआई के द्वारा एक प्रशिक्षण शिविर लगाया गया था , जिसके अंत में परीक्षा भी आयोजित हुई , इसमें कुल 65 अम्पायरों को ग्रेडिंग के आधार पर उत्तीर्ण घोषित किया गया था जिसका पूरा व्योरा बीसीए अम्पायरिंग कमेटी के चेयरमैन श्री एल पी वर्मा जी के पास भी है . उनसे लेने के बजाय आपने एक नए अध्याय की शुरुआत करवा दी , जो सर्वथा असंवैधानिक है . यहाँ भी आपने पूर्व की कमेटी और बीसीसीआई के किये प्रयासों को दर किनार करने का कार्य किया ।

4 . अब मैं महोदय का ध्यान उस ओर ले चलता हूं , जहां 31 जनवरी की बैठक में जिलों को मुर्ख बनाने का कार्य आपके नेतृत्व में किया गया । आपने घोषणा करवायी की प्रति जिला 2 लाख रूपये दिए जायेंगे , आपने तारीख भी तय की , मगर कोई भुगतान नहीं हुआ , आपने लोकपाल के भुगतान के मामले में विशेष अधिकार का प्रयोग कर भुगतान करवाया मगर जिलों को भुगतान नहीं किया गया । महोदय आप जिला को भुगतान करना ही नहीं चाहते थे , अगर आप चाहते तो भुगतान हो चूका होता , मेरे ख्याल से आपके इस प्रकार के कदम से जिलों के माननीय सदस्यों की भी तन्द्रा भंग हुई होगी , और भविष्य में आपके द्वारा घोषित किसी भी लालीपाप टाइप घोषणा से खुश होने से पूर्व जिलों के सभी सम्मानित सदस्य उक्त घोषणा वैधानिकता और आपकी सोंच तथा उस समय में जिलों से आपकी जरूरत के बीच जरूर तालमेल बैठायेगे । क्योकि आप जिला संघ को तब हीं लालीपाप देने की घोषणा करते है , जब आपको जिले के सहयोग की जरूरत होती है ।

महोदय अंत में आपसे करबद्ध निवेदन है की बीसीए एक संघ नहीं एक परम्परा है , जिसे कई सम्मानित लोगों ने गानी पाटनिटेवर तीवंत नगाणे गाता है । या सपाटान अपनी आहुति देकर जीवंत बनाये रखे है। आप उन महान लोगों के द्वारा बचा कर रखे गए इस संघ (बीसीए) को व्यक्तिगत द्वेष को साधने का साधन न बनाए रखें। संघ को संघ के तरह चले चलो। मेरे द्वारा जो भी बाते उठाई गयी है वह बीसीए के वर्तमान स्थिति को देखते हुए है, आपको भी मेरा कोई व्यक्तिगत नफरत नहीं है।) फिर भी अगर कोई बात से आप ठेश पहुंचे तो उसे बीसीए के भलाई के लिए समझते हुए भावना का प्रयास इसगा। धन्यवाद शशिभूषण सिंह सचिव सुपौल जिला क्रिकेट संघ सुपौल.

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