Home Bihar बिहार क्रिकेट में “थप्पड़” और “बरखास्तगी” की गूंज: मनोज कुमार

बिहार क्रिकेट में “थप्पड़” और “बरखास्तगी” की गूंज: मनोज कुमार

by Khelbihar.com
  • बिहार क्रिकेट में “थप्पड़” और “बरखास्तगी” की गूंज
  • सीईओ ने कार्यकारी सचिव पर मारपीट करने का लगाया आरोप
  • कमेटी ने लिया कुमार अरविंद को हटाने का निर्णय ?
  • 🖊️ मनोज कुमार की कलम से

पटना 17 अगस्त: बिहार क्रिकेट संघ में विवादों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। नये हालात में बीसीए में पनपे नये तेवर का आलम रहा की थप्पड़ और बरखास्तगी की गूंज पटना के गांधी मैदान थाने से लेकर बिहार क्रिकेट संघ में न्याय की गुहार लगा रही है।

घटना के संबंध में सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार को बिहार क्रिकेट संघ के पदाधिकारी उपाध्यक्ष दिलीप सिंह , कार्यकारी सचिव कुमार अरविंद, कोषाध्यक्ष आशुतोष नंदन सिंह, जिला प्रतिनिधि संजय सिंह और मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी मनीष राज आई जी रजिस्ट्रेशन कार्यालय में निबंधन के मामले में एकजुट हुए थे।

सूत्रों का कहना है कि कार्यालय में बातचीत के दौरान कार्यकारी सचिव और सीईओ के बीच तीखी बहस हो गई जिसकी परिणति कथित दुर्व्यवहार और हाथापाई के रूप में सामने आया। बताया जाता है कि यह मामला फिलहाल पटना के गांधी मैदान थाने में दर्ज कराई गई है जहां सीईओ मनीष राज ने बीसीए के कार्यकारी सचिव कुमार अरविंद पर दुर्व्यवहार एवं कथित मारपीट करने का आरोप लगाया है ।

बताया जाता है कि सीईओ के कथित अभद्र व्यवहार पर कार्य कारी सचिव ने थप्पड़ जड़ दिया था। इस संबंध में पूछे जाने पर कार्यकारी सचिव कुमार अरविंद ने बताया कि आईजी रजिस्ट्रेशन कार्यालय में बातचीत के दौरान सीईओ मनीष राज कुछ अलग तेवर में बात कर रहे थे जो कहीं से भी एक पदाधिकारी के साथ अनुशासन के दायरे मैं नहीं था।

इस बात पर उन्होंने सीईओ को यह नसीहत दिया कि अपने दायरे में रहा करें ।इस संदर्भ में पुछे जाने पर कि बीसीए अध्यक्ष के द्वारा उनके अधिकार पर रोक लगा दी गई है ।कार्यकारी सचिव ने बताया कि यह खेल पिछले तीन महीने से चल रहा है ।उनके पावर सीज करने से लेकर इस्तीफा देने के लिए काफी दबाव बनाया जा रहा था। इस बीच उनके मेल आईडी को कवर कर लिया गया है साथ ही किसी भी तरह के पत्राचार का जवाब नहीं दिया जाता है ।

उन्होंने दो टूक कहा कि बीसीए के सचिव संजय कुमार की तरह उनके साथ भी अध्यक्ष वही खेल दोहराना चाहते हैं जो संभव नहीं है। इस बीच आईजी रजिस्ट्रेशन कार्यालय में घटित कथित मारपीट की घटना के आलोक में बीसीए की कथित कार्यसमिति की बैठक अध्यक्ष राकेश तिवारी की अध्यक्षता में की गयी जहां कार्यकारी सचिव द्वारा मारपीट को अभद्र और अनुशासनहीनता मानते हुए उनके कार्य व अधिकार पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है ।

हालांकि सूत्रों का कहना है कि उन्हें तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है ।इस फैसले पर अध्यक्ष के साथ उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और जिला प्रतिनिधि के हस्ताक्षर भी कराए गए हैं। बहरहाल इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि बिहार क्रिकेट संघ कैसे संक्रमण के दौर से गुजर रही है। अगर कोई घटना घटित हुई है तो पहले उसकी जांच होनी चाहिए ? कमेटी का गठन होना चाहिए ? न कि कोई भी कार्यकारिणी किसी भी निर्वाचित सदस्य को बगैर कारण पृच्छा अथवा जांच के बर्खास्तगी का फरमान सुना दे।

इस संदर्भ में कार्यकारी सचिव ने स्पष्ट किया कि उनके अधिकार अथवा निर्वाचन को किसी भी ढंग की चुनौती आम सभा के माध्यम से दी जा सकती है । किसी व्यक्ति के हाथ में वह पावर नहीं कि किसी निर्वाचित पदाधिकारी को बर्खास्त कर सके।

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