Home Bihar cricket association News, बीसीए के खाता को बैंक ने कर दिया है फ्रीज़:सुरेश मिश्रा

बीसीए के खाता को बैंक ने कर दिया है फ्रीज़:सुरेश मिश्रा

by Khelbihar.com

खेलबिहार न्यूज़

पटना 10 सितंबर : अध्यक्ष गुट का सबकुछ ठीक चल रहा था,हर अंतराल पर जी एम आदि पदों पर नियुक्ति की जा रही थी गेस्ट हाउस बनाए गए, नान क्रिकेटिंग और अपनों को उपकृत करने की मुहिम जारी थी लेकिन नहीं तो क्रिकेटरों व नहीं स्टाफ का पैसे दिए जा रहे थे लेकिन एक बार फिर से बीसीए के खाते पर कानून का ताला लटक गया है। अध्यक्ष महोदय के निर्देश पर क्रिकेटरों के हित में खर्च करने के लिए बीसीसीआई से प्राप्त राशि का हो रहा निर्बाध गति से खर्च पर बैंक ऑफ़ इंडिया के द्वारा रोक लगा दी गई है। इसकी जानकरी प्रेस विग्यप्ति जारी कर बीसीए(सचिव गुट) के मिडिया चेयरमैन सुरेश मिश्रा ने खेलबिहार को दि है.

सुरेश मिश्रा द्वारा जारी प्रेस विग्यप्ति में कहा गया है की बैंक ने अपने पत्र में बीसीए अध्यक्ष को लिखा है कि बगैर न्यायालय के आदेश के इस खाते का परिचालन नहीं हो सकता है।इसकी एक कॉपी सचिव संजय कुमार को भी भेजी गयी है आपको बता दे की बीसीए अध्यक्ष के द्वारा 31 जनवरी 2020 को एक एजीएम की बैठक कर बीसीए के संविधान के विरुद्ध जाकर सचिव के स्थान पर संयुक्त सचिव कुमार अरविंद को कोषाध्यक्ष के साथ बैंक खाते के परिचालन में हस्ताक्षरी का भागीदार बनाया। विदित हो कि उक्त एजीएम में सचिव संजय कुमार और कोषाध्यक्ष आशुतोष नंदन सिंह की अनुपस्थिति में सचिव पर आर्थिक घोटाले का आरोप लगाया गया था। बैंक को भी गुमराह कर असंवैधानिक तरीके से नियुक्त लोकपाल के द्वारा संविधान के बिपरीत जाकर बैंक के नाम से खाते में हस्ताक्षरी के बदलाव का आदेश दिलवाया गया था।

लेकिन स्थिति बदली, लोकपाल की नियुक्ति का मामला जब पटना उच्च न्यायालय के समक्ष आया, तो लोकपाल सह ईथिक आफिसर के काम काज पर रोक लगा दी गई।इधर बीसीए के पूर्ण जिला संघो की मांग पर 30 अगस्त को एक एस जी एम सचिव संजय कुमार के द्वारा 26 जिलों के मांग पर आहुत की गयी, जिसमें अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी और उनके असंवैधानिक कार्यों के सहयोगी संयुक्त सचिव कुमार अरविंद के उपर अविश्वास प्रस्ताव लाकर बर्खास्त कर दिया गया । इसकी सूचना बीसीसीआई, बैंक, आई जी रजिस्ट्रेसन आदि को दी गई।

श्री मिश्रा ने आगे बताया है की इन्हीं मामलों को लेकर बैंक ने खाते के परिचालन पर रोक लगा दिया।वैसे अध्यक्ष के द्वारा किए गए या करवाए गये दो मामले, पहला संविधान के विरुद्ध जाकर लोकपाल की नियुक्ति और दूसरा संविधान के विरुद्ध जाकर बैंक खाते का परिचालन करवाने का मामला, दोनों पर रोक लग चुका है, लेकिन अभी और कई मामले समक्ष आएंगे, और यह तय है कि संविधान के विरुद्ध किया गया कोई भी काम स्थाई नहीं होता है, यह कहना गलत नहीं होगा कि अध्यक्ष के द्वारा किए जा चुके अनेक गैर कानूनी और असंवैधानिक कार्यों के कारण आगे अभी ऐसे कई निर्णय देखने को मिलेंगे।

जिसमें प्रमुख रूप से जीएम एडमिन,जीएम क्रिकेट,जीएम इंफ्रा,जीएम प्रो,जीएम ए सी एल यू और एक कंप्यूटर विक्रेता को सीईओ के पद पर नियुक्ति जो कि असंवैधानिक है साथ ही इस सभी को मनमाना वेतन भी दिया गया है। सबके ऊपर प्राथमिकी दर्ज करा उनसे पैसे की रिकवरी अगर कराया जाता है तो बीसीए से जुड़े लोगों में और खिलाड़ियों में पनपा असंतोष की भी समाप्ति होगी।

Related Articles

error: Content is protected !!