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बैंक खाता नहीं खुलने से पैसा लूट गिरोह में खलबली:मनोज कुमार

by Khelbihar.com
  • बैंक खाता नहीं खुलने से पैसा लूट गिरोह में खलबली
  • उच्च न्यायालय ने वादकालीन आवेदक को 17 जनवरी तक जबाब सौंपने का दिया समय
  • बीसीए को सभी पक्षों को याचिका की प्रतिलिपि सौंपने का दिया निर्देश
    – मनोज

पटना 19 नवंबर: बीसीसीआई से बी०सी०ए० को क्रिकेट के विकास मद में अनुदानित पैसे को लुटने की मंशा रखने वालों में एक बार पुनः बैंक खाता नहीं खुलने पर बौखलाहट बढ़ी है। येन केन प्रकारेण खाता खुलवाने की मंशा रखने वालों को करारा झटका लगा है!

इस मामले में बीसीए के अधिवक्ता की दलील के जबाब में वादकालिन आवेदन दायर करने वाले बीसीए सचिव संजय कुमार के अधिवक्ता दीनू कुमार की दलील और याचना को स्वीकार करते हुए माननीय न्यायाधीश पटना उच्च न्यायालय ने 17 जनवरी तक संबंधित जबाब और कागजात सौंपने का समय दिया है ।

साथ ही याचिका दायर करने वाले बीसीए के अधिवक्ता को मुकदमा से संबंधित कागजात वादकालीन आवेदक के अधिवक्ता समेत अन्य पक्षों को मुहैया कराने का भी आदेश दिया है ताकि वह मुकदमा को लेकर सही दिशा में अपना पक्ष रखने और बहस कार्य मुकम्मल कर सकेंगे ।

विदित हो कि बी०सी०ए० का अधिकारिक बैंक खाता के संचालन को बी०सी०ए० सचिव संजय कुमार को गैर-कानूनी तरीके से अपदस्थ करने के कारण बैंक के द्वारा रोक लगा दिया गया है | बैंक के इस निर्णय के खिलाफ बी०सी०ए० ने माननीय पटना उच्च न्यायालय में याचिका संख्या 6063/2021 दायर किया है | सचिव संजय कुमार के द्वारा इस मामले में वाद कालिन आवेदन दायर करते हुए हस्तक्षेप किया गया है |

इस मामले पर माननीय पटना उच्च न्यायालय के दो माननीय न्यायाधीशों के खंडपीठ ने 18.11.2021 को सुनवाई की | बी०सी०ए० के अधिवक्ता राजू गिरी की दलालों को सुनने के बाद माननीय न्यायाधीशों ने बैंक के अधिवक्ता को सुनने के क्रम में सवाल किया कि बैंक ने किस आधार पर बी०सी०ए० के बैंक खाता के संचालन को रोक रखा है ?

तब बीसीए सचिव संजय कुमार के वरीय अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि उनके आवेदन पर बैंक ने बी०सी०ए० के खाता का संचालन रोक रखा है | वरीय अधिवक्ता ने माननीय कोर्ट से दरखास्त किया कि बी०सी०ए० के माननीय अधिवक्ता को निर्देशित करें कि उन्हें याचिका की प्रतिलिपि उपलब्ध करवावें ताकि अगली तिथि को सुचारू रूप से बहस किया जा सके |

इस पर माननीय न्यायालय ने बी०सी०ए० के अधिवक्ता को निर्देशित किया की याचिका की प्रतिलिपि सभी पक्षों को उपलब्ध करवा दें और सुनवाई कि अगली तिथि जनवरी 2022 (17.01.2022) निर्धारित कर दिया है |

अब सवाल यह उठता है कि क्या बी०सी०ए० के बचे खुचे कार्यकारिणी के सदस्य यह बताने का कष्ट करेंगे कि यदि बैंक खाता खुल भी जाता है तो उसका संचालन कौन – कौन पदाधिकारीगण करेंगें | क्योंकि बी०सी०ए० के संविधान के अनुसार बैंक खाता का संचालन सचिव एवं कोषाध्यक्ष के संयुक्त हस्ताक्षर से ही संचालित किया जा सकता है | जबकी आज की तारीख में अध्यक्ष, बी०सी०ए० की माने तो बी०सी०ए० सचिव विहीन है और कार्यवाहक सचिव की बात करें तो आज के तारीख में अध्यक्षजी ही कार्यवाहक सचिव हैं |

क्योंकि बीसीए की मनमाना फरमान में संयुक्त सचिव कुमार अरविंद भी बरखास्त किये जा चुके हैं। ऐसे में
बी०सी०ए० के जिला सदस्यों को सोचना चाहिए कि बी०सी०ए० जिला सदस्यों से बना है या बी०सी०ए० से जिला सदस्य | आम सभा के द्वारा बी०सी०ए० के संयुक्त सचिव श्री कुमार अरबिंद को बी०सी०ए० का कार्यवाहक सचिव बनाया गया था और इस संदर्भ में माननीय लोकपाल का आदेश दिनांक 20.02.2020 भी है, इसके वावजूद अध्यक्ष महोदय खुद ही कार्यवाहक सचिव बन गए है |

यह मजाक नहीं तो और क्या है ? मनमानी का आलम है कि अध्यक्ष न संविधान को मान रहे हैं न लोकपाल के आदेश को मान रहे हैं और ना ही आम सभा के निर्णय को मान रहे | सोंचने की बात है कि कोई ऐसा क्यों ना करे, जब सभी जिला सदस्य अपनी अपनी कुर्सी बचाने की जुगार में अंतरात्मा को मार गुलाम बने बैठे हैं |

सरेआम खिलाड़ियों की खरीद बिक्री हो रही! प्रतिभा की उपेक्षा अनदेखी की जा रही है। बाहरी खिलाड़ियों को पैसे और पैरवी के आगे टीम में शामिल किया जा रहा है। खेल की कोई बात भी नहीं की जा रही। बावजूद इसके बीसीए के मानद सदस्यों की चुप्पी निश्चित ही बीसीए की बर्बादी का कारण बन सकता है अगर अब भी जिला जागरूक और एकजुट नहीं हुए तो ? बीसीए में पैसे का खेल और भाई भतीजा बेटावाद जारी रहेगा!उक्त जानकारी मनोज कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए दी है।।

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