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झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन एवं एच ० ई ० सी ० लिमिटेड के बीच ऐतिहासिक समझौता

by Khelbihar.com

रांची : झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन एवं एच ० ई ० सी ० लिमिटेड के बीच ऐतिहासिक समझौता टाटा स्टील जमशेदपुर के असहयोगात्मक रवैया के कारण राज्य के एकमात्र कौनन स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों के आयोजन न होने देने के कारण पूरे विश्व में राज्य की छवि खराब हो रही थी ।

राज्य की छवि खराब होते देख झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष श्री अमिताभ चौधरी के नेतृत्व वाली कमिटी ऑफ मैनेजमेंट ने राज्य की छवि ख़राब न हो इसके लिए यह निर्णय लिया कि जेएससीए को अविलंब एक अपना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण करना चाहिए ।

इसके लिए कमिटी ऑफ मैनेजमेंट ने श्री अमिताभ चौधरी को अधिकृत करते हुए उनसे अनुरोध किया कि स्टेडियम निर्माण का कार्य यथाशीघ्र शुरू हो इसके लिए आप अपने स्तर से जमीन की खोज करें और जहां आपको उचित जमीन उपलब्ध हो जाए वहा स्टेडियम निर्माण कार्य शुरू करवा दें ।

काम बहुत कठिन था एक जगह 25 से 30 एकड़ जमीन खोजना था । फिर भी मैनेजमेंट कमिटी के निर्णय के पश्चात् श्री अमिताभ चौधरी ने जमीन के लिए रांची , जमशेदपुर के साथ साथ झारखंड के दूसरे शहरों में भी स्टेडियम निर्माण हेतु जमीन के लिए प्रयास शुरू कर दिए ।

श्री चौधरी को जमीन ढुंढने में लगभग एक साल से भी अधिक समय लगा । एच ० ई ० सी ० क्षेत्र में भी काफी खाली जमीन थी एच ० ई ० सी ० अपने खाली पड़े जमीनों को लीज पर देना प्रारंभ कर दी थी । श्री अमिताभ चौधरी ने एच ० ई ० सी ० के तत्कालीन मुख्य नगर प्रशासक स्व ० विनय कुमार सिंह जो जेएससीए के आजीवन सदस्य थे के द्वारा तत्कालीन अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक स्व ० जी ० के ० पिल्ले को स्टेडियम निर्माण हेतु एचई ० सी ० परिसर में जमीन उपलब्ध करवाने के लिए जेएससीए की ओर से एक प्रस्ताव भेजा गया ।

स्व ० पिल्ले ने जेएससीए के प्रस्ताव को गम्भीरता से लेते हुए जमीन उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया और विभागीय स्तर पर भी इसके लिए कारवाई शुरू करने के लिए मुख्य नगर प्रशासक को निर्देश दिया । लेकिन इसी बीच रांची के कुछ लोगों को यह बात नागवार लगी और एच ० ई ० सी ० परिसर में स्टेडियम का निर्माण न हो इसके लिए एच ० ई ० सी ० प्रशासन पर अपने पद के प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए दबाव ही नहीं बनाए बल्कि रजिस्ट्रेशन विभाग के माध्यम से भी कई अड़चनें उत्पन्न कराने लगे ।

एक समय ऐसा लगने लगा कि शायद अब स्टेडियम निर्माण हेतु एच ० ई ० सी ० परिसर में जमीन उपलब्ध नहीं हो पाएगा । लेकिन श्री अमिताभ चौधरी और स्व ० जी ० के ० पिल्ले ने लाख बाधाओं के बाबजूद अपना प्रयास नहीं छोड़े ।

विरोधियों के इस कुकृत के कारण मामला झारखंड उच्च न्यायालय में चला गया । झारखंड सरकार को भी अपना पक्ष न्यायालय में रखने का उच्च न्यायालय का निर्देश हुआ । माननीय मुख्यमंत्री श्री शिबू सोरेन जी के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार ने स्टेडियम निर्माण हेतु एच ० ई ० सी ० परिसर में जेएससीए को जमीन मिले इसके पक्ष में झारखंड उच्च न्यायालय में अपना हल्फनामा दायर किया ।

अंततः सभी पक्षों के बातों को सुनने और एच ० ई ० सी ० के वर्तमान आर्थिक स्थिति को ध्यान को देखते हुए माननीय न्यायालय ने एच ० ई ० सी ० को स्टेडियम निर्माण हेतु जेएससीए को जमीन देने के लिए आदेश पारित किया उच्च न्यायालय के इस निर्णय के बाद सभी बाधाएं समाप्त हो गई और झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन और एच ० ई ० सी ० लिमिटेड के बीच अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम निर्माण हेतु जमीन हस्तांतरित करने सम्बंधित ऐतिहासिक समझीता 25 जून , 2008 को सम्पन्न हुआ ।

एच ० ई ० सी ० ने झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन को अपने परिसर में 31.7 एकड़ जमीन उपलब्ध करवा दिया जमीन उपलब्ध होते ही तत्कालीन मुख्यमंत्री माननीय श्री शिबू सोरेन ( गुरु जी ) द्वारा स्टेडियम निर्माण हेतु शिलान्यास का कार्य 24 अक्टूबर 2008 को सम्पन्न हुआ । मात्र तीन साल तीन महीने के ऐतिहासिक अवधि में अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बनकर तैयार हो गया ।

साथ ही साथ पूरे देश में सबसे तेज और कम समय में बनकर तैयार होने वाला देश का पहला अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम बनने का गौरव प्राप्त हुआ । 18 जनवरी 2013 को स्टेडियम का विधिवत उद्घाटन सम्पन्न हुआ । उद्घाटन के दूसरे ही दिन 19 जनवरी 2013 को इस नवनिर्मित स्टेडियम में पहला एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच का सफलतापूर्वक आयोजन सम्पन्न हुआ ।

इस एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच के आयोजन के बाद पुरे विश्व के मानचित्र पर राची का नाम अंकित हो गया । क्रिकेट के अलावे इस परिसर में टेनिस स्विमिंग बेडमिटन , स्काश आदि खेलों के संरचनाओं का भी निर्माण किया गया इस परिसर में एक राष्ट्रीय स्तर के क्लब हाउस का भी निर्माण किया गया । पहले एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच के सफल आयोजन के बाद इस स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों के आयोजन का तांता सा लग गया ।

सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन इसी बीच एच ० ई ० सी ० मैनेजमेंट के कुछ अधिकारी कुछ वैसे लोग जो पहले भी स्टेडियम निर्माण के खिलाफ थे के प्रभाव में आ गये और लीज एग्रीमेंट का गलत तरीके से व्याख्या करने लगे । जिसके परिणामस्वरूप कुछ मुद्दों पर एच ० ई ० सी ० और जेएससीए के बीच अनावश्यक रूप से विवाद शुरू हो गया और मामला एच ० ई ० सी ० के पी ० पी ० कोर्ट में चलने लगा 4 जुलाई 2015 को पी ० पी ० कोर्ट स्टेडियम निर्माण हेतु जेएससीए को आवंटित जमीन का लीज माननीय झारखंड उच्च न्यायालय के 20 जून 2008 के निर्णय के बाबजूद रद्द करने का आदेश पारित कर दिया ।


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पी ० पी ० कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ जेएससीए को माननीय झारखंड उच्च न्यायालय के शरण में जाना पड़ा और माननीय उच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात् पी ० पी ० कोर्ट के आदेश पर अगले आदेश तक रोक लगा दिया । झारखंड उच्च न्यायालय में मामला लंबित रहते हुए भी झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन और एच ० ई ० सी ० मैनेजमेंट के कुछ साकारात्मक मानसिकता के पदाधिकारियों के बीच आपसी सहमति बनाकर इस विवाद को खत्म करने का प्रयास चलता रहा ।

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